केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने के फैसले के बाद आज उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इसे प्रदेश में लागू करने के लिए फैसला किया है. आज इस पर फैसला करने के बाद योगी सरकार तीसरी राज्य सरकार बन गयी है जहां इस फैसले को लागू किया गया है. आज योगी कैबिनेट ने इसके लिए प्रस्ताव पास किया है. इससे पहले गुजरात और झारखंड सरकार ने इसे लागू कर दिया है. जबकि कांग्रेस शासित राज्यों में इसे लागू नहीं किया गया है.

सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव का प्रस्ताव आज योगी सरकार कैबिनेट की बैठक में लाया गया. आमतौर पर योगी सरकार मंगलवार को कैबिनेट की बैठक करती है. लेकिन इस मामले के लिए खासतौर पर योगी सरकार ने इसके लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. इससे पहले गुजरात और झारखंड सरकार भी इस आरक्षण को राज्य में लागू कर चुकी है. इस फैसले के लागू हो जाने के बाद राज्य के गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा. वहीं राज्य के समाज कल्याण विभाग ने सरकारी नौकरियों व सभी तरह की शिक्षण संस्थाओं (अल्पसंख्यक छोड़कर) में प्रवेश में गरीबों को आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. आज कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिलने के बाद इस आरक्षण को विभाग लागू कर देगा.

सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10% आरक्षण की राह यूपी में भी खुलेगी खुलेगी. राज्य की योगी सरकार आज इसके लिए आदेश जारी करने जा रही है. सबसे पहले भाजपा शासित राज्य गुजरात में मकर संक्राति से इसे लागू कर दिया गया है. इसके बाद इसे झारखंड सरकार ने लागू किया. लिहाजा प्रदेश की योगी सरकार इसके लिए आदेश जारी कर सवर्णों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का दरवाजा खोलेगी. केंद्र सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए राज्य सरकार को मानक तय करने का अधिकार दिया है. भाजपा शासित गुजरात सरकार ने सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण सोमवार को लागू कर दिया है. 

लिहाजा इसको लेकर अन्य राज्यों पर भी दबाव है. खासतौर से भाजपा शासित राज्यों मे इस जल्द लागू करने के लिए केन्द्र का दबाव है.  हालांकि लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस शासित राज्य भी इसे लागू करना चाहते हैं. क्योंकि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में सवर्णों ने कांग्रेस को वोट दिया था. गुजरात इस नए प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.