मई में शुरू हो रहे क्रिकेट विश्वकप में पाकिस्तान से मैच खेलने को लेकर बीसीसीआई कोई फैसला नहीं ले सकी है। क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इसका फैसला सरकार पर छोड़ दिया है। पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही देश भर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। सरकार ने पाकिस्तान को कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक तौर पर अलग-थलग करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी को लेकर पाकिस्तान से क्रिकेट न खेलने की मांग भी तेज हो रही है। 

टीम इंडिया के पाकिस्तान के साथ मैच खेलने पर फैसले के लिए सीओए ने शुक्रवार को विशेष बैठक बुलाई थी। इसके प्रमुख विनोद राय ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलने या न खेलने का जो भी निर्देश सरकार उन्हें देगी, बीसीसीआई उसे ही मानेगा। इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा के बाद ही कोई फैसला होगा। हालांकि, राय ने स्पष्ट किया कि आतंक को बढ़ावा देनेवाले देश के साथ भविष्य में संबंध नहीं रखने को लेकर अपनी चिंता बोर्ड आईसीसी के साथ पत्र लिखकर शेयर करेगा। 

विनोद राय ने यह भी कहा कि इस साल खेले जाने वाले आईपीएल टूर्नामेंट में ओपनिंग सेरेमनी नहीं होगी। इस पर खर्च होने वाली राशि को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के लिए दिया जाएगा। 

सीओए ने कहा कि इस मामले पर फैसला सरकार के साथ विचार करने के बाद लिया जाएगा। अभी इसमें तीन महीने का वक्त है। राय ने यह भी कहा कि अभी यह फैसला लिया गया है कि आईसीसी को हम पाकिस्तान से जुड़ी अपनी चिंताएं बताएंगे। आतंक को समर्थन देनेवाले देशों के साथ भविष्य में संबंध न रखा जाए, इस पर भी आईसीसी बैठक में चर्चा की जाएगी। 

खास बात यह है कि कई पूर्व खिलाड़ी पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेलने के लिए कह रहे हैं। हरभजन सिंह, सौरभ गांगुली और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ी पाकिस्तान के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। विश्व कप में टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को मैनचेस्टर में मैच खेलना है। इस मीटिंग में सीओए के दो सदस्य विनोद राय और डायना इडुल्जी नई दिल्ली से जबकि तीसरे नए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रविंद्र थोड़गे फोन पर उपलब्ध हुए। 

इससे पहले, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान से मैच खेलने की वकालत कर विवाद खड़ा कर दिया। उनका बयान पुलवामा हमले के बाद देश में बढ़ते गुस्से के माहौल के बीच आया है। इससे पहले, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान से मैच खेलने की वकालत कर विवाद खड़ा कर दिया। उनका बयान पुलवामा हमले के बाद देश में बढ़ते गुस्से के माहौल के बीच आया है। उन्होंने कहा है, '1999 कारगिल युद्ध के दौरान भी भारत ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट विश्वकप का मैच खेला था। इसमें भारत जीता। इस साल मैच न खेलने से दो चीजें होंगी। यह सरेंडर करने से भी बुरा होगा। यह बिना लड़े हार जाने जैसा होगा।'