भारत की दो विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाने वाले और देश के सफल सलामी बल्लेबाजों में से एक गौतम गंभीर ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया। 

क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10,000 से अधिक रन बनाने वाले इस 37 वर्षीय बल्लेबाज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए एक वीडियो में खेल के सभी प्रारूपों को अलविदा कहने की घोषणा की। साथ ही कहा कि आंध्र प्रदेश के खिलाफ बृहस्पतिवार से शुरू होने वाला रणजी ट्राफी मैच उनका आखिरी प्रतिस्पर्धी मैच होगा। गंभीर ने कहा, ‘अपने देश के लिए 15 साल से भी अधिक समय तक क्रिकेट खेलने के बाद मैं इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहना चाहता हूं।’ 

आक्रामक बल्लेबाज गंभीर 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व टी20 और वनडे विश्व कप 2011 के फाइनल में सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। इन दोनों प्रतियोगिताओं का खिताब भारत ने जीता। गंभीर ने 11 मिनट के अपने वीडियो में कहा, ‘आंध्र के खिलाफ अगला रणजी ट्राफी मैच मेरा आखिरी मैच होगा। मेरे क्रिकेट सफर का अंत उसी फिरोजशाह कोटला मैदान पर होगा जहां से इसकी शुरूआत हुई थी।’ 

भारत के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक गंभीर पिछले कुछ समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेला था। वह 2013 से वनडे और 2012 से टी20 टीम से बाहर थे। बायें हाथ के इस बल्लेबाज को कभी हार नहीं मानने के अपने जज्बे के लिये जाना जाता था। उनकी अगुवाई में कोलकाता नाइटराइडर्स ने दो बार आईपीएल खिताब जीते। गंभीर ने कहा कि संन्यास के फैसले पर पहुंचने से पहले उन्होंने इस पर काफी विचार किया। 

गंभीर ने कहा, ‘मेरे मन में विचार कौंध रहे थे जो दिन रात मेरा पीछा कर रहे थे। वे यात्राओं में भी परेशान करने वाले अतिरिक्त सामग्री की तरह मेरे साथ चल रहे थे। वे अभ्यास सत्र में मेरे साथ होते थे। वे एक खतरनाक गेंदबाज की तरह मेरा मजाक उड़ाते थे। किसी दिन उसने मेरे खाने का स्वाद ही खराब कर दिया था।’ 

गंभीर ने 58 टेस्ट मैचों में 41.95 की औसत से 4154 रन बनाए जिनमें नौ शतकीय पारी शामिल हैं। उन्होंने 147 एकदिवसीय मैचों में 39.68 की औसत और 11 शतकीय पारियों की मदद से 5238 रन बनाए। गंभीर से टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 37 मैच में सात अर्धशतक की मदद से 932 रन बनाए जिसमें उनका औसत 27.41 का था। गंभीर ने दिल्ली के अपने साथी वीरेंद्र सहवाग के साथ सफल सलामी जोड़ी बनाई। इन दोनों ने सलामी जोड़ी के रूप में टेस्ट मैचों में 4412 रन जोड़े जो कि भारतीय रिकार्ड है। 

राजनीतिक मसलों पर अपनी बेबाक टिप्पणियां करने वाले गंभीर ने 197 प्रथम श्रेणी मैचों में 15041 रन बनाए। उन्होंने लिस्ट ए में 10,077 रन बनाए। गंभीर ने कहा, हर बार जब भी भारत या केकेआर या दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेल रहा था, इस विचार का कर्कश शोर मेरा पीछा करते हुए ड्रेसिंग रूम तक चला आता और चिल्लाता कि ‘अब सफर खत्म हो चुका है गौती।’ 

उन्होंने कहा कि आईपीएल 2014 के दौरान यह विचार उन पर हावी हो गया था जब वह टूर्नामेंट में लगातार तीन बार खाता नहीं खोल पाए। गंभीर ने कहा, ‘मैं अपना आत्मविश्वास जगाने की कोशिश कर रहा था। मैं अंधेरे में आत्मविश्वास ढूंढ रहा था लेकिन वहां भी मुझे वह कर्कश शोर ही सुनाई देता। वही ‘अब सफर खत्म हो चुका है गौती’।’’ 

गंभीर ने संन्यास की घोषणा के साथ ही इच्छा जताई कि वह अगले जन्म में भी क्रिकेटर बनकर भारत की तरफ से यह खेल खेलना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘तमाम दर्द और पीड़ाओं, भय और असफलताओं के बावजूद मुझे अपनी अगली जिंदगी में भी इन्हें दोहराने का कोई गम नहीं होगा। लेकिन निश्चित तौर पर भारत के लिये कुछ जीत, कुछ और अधिक शतक और संभवत: अगली जिंदगी में पारी में पांच विकेट लेने के कुछ कारनामे भी करना चाहूंगा।’ 

गंभीर ने कहा, ‘यह थोड़ा महत्वकांक्षी लगता है लेकिन मैंने देखा है कि इच्छाएं सच होती है। दो विश्व कप, दोनों के फाइनल में सर्वोच्च स्कोर भी सपने थे और मैंने केवल आपके लिए विश्व कप जीतने का सपना देखा था। मुझे लगता है कि कोई था जो मेरी पटकथा लिख रहा था लेकिन अब उसकी स्याही खत्म हो गई है।’ 

उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस बीच उसने कुछ आकर्षक अध्याय लिखे। इनमें दुनिया की नंबर टेस्ट टीम का हिस्सा बनना सबसे अहम है। मैं जिस ट्राफी को बड़े प्यार से निहारता हूं वह 2009 में आईसीसी के वर्ष के टेस्ट बल्लेबाज के लिए मिली ट्राफी है।’

गंभीर ने न्यूजीलैंड में श्रृंखला में जीत और आस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज जीतने को अपने करियर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां बताई। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आस्ट्रेलियाई दौरे पर गई वर्तमान भारतीय टीम हमारी उपलब्धियों को पीछे छोड़ने में सफल रहेगी।’ 

गंभीर ने अपने संदेश में भारतीय टीम, आईपीएल की टीमों केकेआर और दिल्ली डेयरडेविल्स तथा दिल्ली रणजी टीम के अपने साथियों के साथ साथ अपने प्रशिक्षकों विशेषकर बचपन के अपने कोच संजय भारद्वाज, पार्थसारथी शर्मा और आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज जस्टिन लैंगर का भी आभार व्यक्त किया।