भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन ऑस्ट्रेलिया पर 137 रन की जीत के बाद अपने गेंदबाजों की जमकर तारीफ की। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि टीम इंडिया यहां रुकने वाली नहीं है। वह सिडनी में अधिक सकारात्मक होकर खेलेंगे

जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 53 रन पर तीन विकेट जबकि मैच में 86 रन देकर नौ विकेट चटकाए। इस साल टेस्ट करियर की  शुरुआत करने वाले बुमराह के नाम पर अब 48 विकेट दर्ज हैं, जो किसी तेज गेंदबाज का अपने पहले टेस्ट सत्र में किया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

बुमराह का मोहम्मद शमी (71 रन पर दो विकेट) और इशांत शर्मा (40 रन पर दो विकेट) ने अच्छा साथ निभाया। इस तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने पिछले एक साल में विदेशों में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई है। इन तीनों ने मिलकर एक कैलेंडर वर्ष में विदेशी सरजमीं पर 134 विकेट (बुमराह 48, इशांत 40 और शमी 46) चटकाए। इस तिकड़ी ने मेलकम मार्शल, माइकल होल्डिंग और जोएल गार्नर की वेस्टइंडीज की तिकड़ी का 34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 1984 में विदेशी दौरों पर 130 विकेट चटकाए थे।

कोहली ने भारत के चार मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाने के बाद तेज गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा, ‘हमें पता था कि ऑस्ट्रेलिया को परेशानी होगी (लक्ष्य का पीछा करने में) लेकिन हमारे गेंदबाजों को श्रेय जाता है, विशेषकर बुमराह को। इन तीनों तेज गेंदबाजों ने एक कैलेंडर वर्ष में टीम के लिए तेज गेंदबाजों द्वारा सर्वाधिक विकेट चटकाने का रिकार्ड तोड़ा है जो शानदार है।’ 

प्रथम श्रेणी के ढांचे को जाता है श्रेय

कप्तान कोहली ने कहा, ‘जब वे साझेदारी में गेंदबाजी करते हैं तो मैं निश्चित तौर पर गर्व महसूस करता हूं। कोई भी किसी अन्य को पीछे छोड़ने की कोशिश नहीं करता। हमारा प्रथम श्रेणी क्रिकेट शानदार है और यही कारण है कि हम जीत रहे हैं। भारत के प्रथम श्रेणी ढांचे को श्रेय जाना चाहिए जो भारत में हमारे गेंदबाजों को चुनौती देता है और इससे उन्हें विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है। ’ 

बुमराह ने भी भारत के प्रथम श्रेणी ढांचे की तारीफ करते हुए कहा, ‘मेरा ध्यान हमेशा से प्रदर्शन में निरंतरता पर रहा है। हम कड़ी ट्रेनिंग करते हैं और हमें रणजी ट्राफी में काफी ओवर गेंदबाजी करने की आदत है इसलिए शरीर इसके लिए तैयार रहता है। अब मेरा ध्यान अगले टेस्ट पर है।’ 

दक्षिण अफ्रीका में इस साल पदार्पण के बाद से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे बुमराह ने उम्मीद जताई कि निकट भविष्य में बेहतर चीजें उनका इंतजार कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट खेलना हमेशा से सपना रहा है और जब मैंने दक्षिण अफ्रीका में पदार्पण किया तो मैं काफी खुश था। मैंने धीरे-धीरे सीखना शुरू किया, इंग्लैंड में अलग तरह का अनुभव था। ऑस्ट्रेलिया में खेलना भी अलग तरह का अनुभव है। शुरुआत अच्छी रही है और उम्मीद करता हूं कि चीजें और बेहतर होती रहेंगी।’

अब सारा जोर सीरीज जीतने पर

कोहली ने उम्मीद जताई कि भारतीय टीम कोई कसर नहीं छोड़ेगी और सीरीज 3-1 से जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘हम यहीं नहीं रुकने वाले। यह जीत हमें अधिक आत्मविश्वास देगी और हम सिडनी में अधिक सकारात्मक होकर खेलेंगे। मुझे लगता है हमने जो दो टेस्ट जीते उनमे सभी विभागों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। ’ सुबह का सत्र बारिश की भेंट चढ़ गया लेकिन कोहली ने कहा कि वह फालोआन नहीं देने को लेकर हो रही बातों से परेशान नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी चीज है कि मैं कोई प्रतिक्रिया या नजरिया नहीं पढ़ता। मायने वह रखता है जो हमने टीम के रूप में ड्रेसिंग रूम में फैसला किया। यह साफ था कि हम इस पिच पर तीसरी पारी में बल्लेबाजी करना चाहते थे और कुछ और रन जुटाना चाहते थे क्योंकि पिच इसके बाद खराब ही होती।' 

कोहली ने कहा, ‘मैंने हमेशा से महसूस किया कि पिच पर गेंदबाजों के लिए काफी कुछ है और ऑस्ट्रेलिया के लिए 400 रन के आसपास का लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल होगा।’