बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने कहा है कि खेल समुदाय को पाकिस्तान को उसी तरह अलग-थलग कर देना चाहिए, जैसा दक्षिण अफ्रीका को रंगभेद नीति के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंधित करके किया गया था। पाकिस्तान आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत के 16 जून को पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप ग्रुप लीग मैच के बहिष्कार की मांग की जा रही है। बीसीसीआई पहले ही पत्र लिखकर आईसीसी से आग्रह कर चुका है कि सभी राष्ट्रों को ऐसे देशों से संबंध तोड़ देने चाहिए, जो आंतकवाद फैला रहे हों। 

लेकिन भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक चाहते हैं कि इसे सिर्फ एक मैच के लिहाज से नहीं बल्कि बड़े परिदृश्य में देखा जाना चाहिए क्योंकि ऐसी भी संभावना बन सकती है कि भारत को फिर से उनसे सेमीफाइनल या फाइनल में भिड़ना पड़े। राय ने कहा, ‘अगर हम विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलते तो हम खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार देंगे। हमारा उद्देश्य पाकिस्तान का क्रिकेट खेलने वाले देश के तौर पर प्रतिबंधित करने का है।’ उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूं सभी क्रिकेट खेलने वाले देशों को उससे संबंध तोड़ देने चाहिए। ’ 

राय ने दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण दिया जिसे 1970 से 1991 तक रंगभेद नीति के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि पाकिस्तान के साथ ही कुछ इसी तरह का होना चाहिए। उन्हें सभी खेल गतिविधियों से प्रतिबंधित कर देना चाहिए जैसा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ हुआ था। ’ 

सीओए प्रमुख ने कहा कि इस मामले को अधिकारिक रूप से दुबई में होने वाली आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की तिमाही बैठक में रखा जायेगा। यह मुद्दा एजेंडे का हिस्सा नहीं था लेकिन अब बीसीसीआई ने अधिकारिक रूप से पत्र लिख दिया है और इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।