इमरान खान सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान में दवाओं का अकाल पड़ गया है और इलाज के लिए पाकिस्तानियों को अन्य देशों की तरफ रूख करना पड़ रहा है। जहां पर इलाज काफी महंगा है। पाकिस्तान में अभी भी रेबिन की वैक्सीन मौजूद नहीं है और भारत ये वैक्सीन एक हजार में मिल जाती थी वहीं अब इसे यूरोप से मंगाने में 70 हजार रुपये का खर्च आ रहा है।