Uttarakhand Topper Priyanshi Rawat News : यूके बोर्ड एग्जाम 2024 के रिजल्ट में 10 वीं की स्टेट टॉपर प्रियांशी रावत को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। प्रियांशी रावत को एक डमी कालेज में एग्जाम दिलाया गया। जिसकी सच्चाई सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस हादसे के बाद पूरे महकमें में हड़कंप मच गया है। शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने कहा है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। 

Uttarakhand Topper Priyanshi Rawat ने कितना पाया है नंबर?
जेबीएसजीआईसी (JBSGIC) गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ की छात्रा प्रियांशी रावत ने ज्वाइंट श्रेष्ठता लिस्ट में स्टेट टॉप किया है। प्रियांशी ने सभी 5 सब्जेक्ट के 500 के पूर्णांक में 500 नंबर प्राप्त करके इतिहास रच दिया। उसने उत्तराखंड बोर्ड ही नहीं यूपी बोर्ड का भी रिकार्ड तोड़ दिया। 

Uttarakhand Topper Priyanshi Rawat ने कहां से की है पढ़ाई?
उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं एग्जाम में सबसे ज्यादा नंबर प्राप्त करने लाने वाली छात्रा प्रियांशी जिस स्कूल में पढ़ती थी, विभाग के अधिकारी शुरुआत में उसे सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेज बता रहे थे, लेकिन अब बताया गया कि यह अशासकीय विद्यालय है। इसको डमी स्कूल बताया गया है।

Uttarakhand Topper Priyanshi Rawat की पढ़ाई पर क्या बोले अधिकारी?
पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी(Chief Education Officer) अशोक कुमार के अनुसार साधना पब्लिक स्कूल की 8वीं कक्षा तक की ही मान्यता है। संभावना जताई जा रही है कि विद्यालय को इस साल से 9वीं क्लास की मान्यता मिल जाए। प्रियांशी इसी स्कूल में पढ़ती थी। लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन जेबीएसजीआईसी, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ से था।

Uttarakhand Topper Priyanshi Rawat के प्रकरण में अब क्या होगा?
अशोक कुमार ने बताया कि अधिकतर यह होता है कि मान्यता न होने पर प्राइवेट स्कूल वाले बच्चे को पढ़ाते तो अपने यहां हैं, लेकिन रजिर्स्टेशन मान्यता प्राप्त स्कूलों में करा देते हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह विष्ट ने बताया कि प्रदेश में कई डमी स्कूल चल रहे हैं, हरिद्वार जिले में भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। जांच कराई जा रही है। 

Uttarakhand Topper Priyanshi Rawat News: क्या होते हैं डमी स्कूल?
डमी स्कूल आम स्कूलों की तरह होते हैं। बस यहां नियमित क्लासेस नहीं चलती हैं। इन्हें नॉन-अटेंडिंग स्कूल भी कहा जाता है (Non Attending School). इन स्कूलों में एडमिशन तो नियमित स्कूलों की तरह दिया जाता है, लेकिन स्टूडेंट्स को रेगुलर क्लासेस अटेंड नहीं करनी होती हैं। इससे वे जेईई मेन, जेईई एडवांस, नीट परीक्षा आदि की तैयारी पर ज्यादा फोकस कर पाते हैं। सीबीएसई इस तरह के स्कूलों के खिलाफ है। डमी स्कूल कोचिंग संस्थाओं और बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के साथ मिलकर काम करते हैं।


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