Lifestyle

बंगाल में ही क्यों मनाया जाता है सिंदूर खेला ? जानें कारण

Image credits: pinterest

मंगलवार को विदा लेंगी मां दुर्गा

नवमी के साथ मां दुर्गा के शारदीय नवरात्रि खत्म हो गए हैं। मां दुर्गा मंगलवार को विदा लेंगी। विसर्जन से पहले सिंदूर खेला की रस्म होगी लेकिन क्या आप जानते है कि सिंदूर खेला क्या है?

Image credits: pinterest

माता के विदाई लेने का जश्न

दुर्गा विसर्जन पर बंगाल में सिंदूर खेला का रिवाज है। यहां मूर्ति विसर्जन से पहले सुहागिन महिलाएं सिंदूर खेलती हैं। जिसे सिंदूर खेला के नाम से भी जाना जाता है।

Image credits: pinterest

450 साल पुरानी है सिंदूर खेला की परंपरा

मान्यताओं के अनुसार सिंदूर खेला की रस्म 450 साल से ज्यादा पुरानी है और इसकी शुरुआत बंगाल से हुई थी। इस रस्म में केवल सुहागिन शामिल होती हैं ना तलाकशुदा ना विधवा और न किन्नर।

Image credits: pinterest

देश के अलग-अलग कोने में मनाया जाता है सिंदूर खेला

बंगाल के अलावा देश के अलग-अलग कोने में सिंदूर खेला की रस्म होती है। जो देखने में भव्य और पारंपरिक होती है लेकिन बंगाल में ये मुख्यता से खेली जाता है। 

Image credits: pinterest

माता को लगता है इन चीजों का भोग

सिंदूर खेला से पहले माता को कोचुर,शाक,इलिश, पंता भात का भोग लगाया जाता है और भूल चूक होने पर माफी मांगी जाती है।

Image credits: pinterest

10 दिन बाद मायके से वापस जाती हैं मां दुर्गा

मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि पर माता 10 दिनों के लिए मायके जाती हैं। उनके वापस लौटने पर सिंदूर खेला मनाया जाता है। 

Image credits: pinterest
Find Next One