पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई महिला आसिया बीबी को ईशनिंदा के एक मामले में बरी कर दिया है। निचली अदालत और फिर हाई कोर्ट ने इस मामले में आसिया बीबी को मौत की सज़ा सुनाई थी। 
आसिया ने उसी सज़ा के ख़िलाफ़ अपील की सुनवाई करते हुए अदालत ने आसिया बीबी को अब बरी कर दिया है। फ़ैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस मियां साक़िब निसार ने कहा कि वो हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट के फ़ैसलों को रद्द करते हैं।

आसिया बीबी को कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले के बाद पूरे पाकिस्तान में बवाल मच गया है। वहां पर हालात को संभालने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को मीडिया के सामने आना पड़ा। 
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही इस्लामाबाद, लाहौर, पेशावर और कराची समेत अन्य शहरों पर 'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और कई सड़कों को जाम कर दिया। कई जगह आगजनी और सुरक्षा बलों के साथ झड़प की भी खबरें हैं। 

इमरान खान ने आसिया बीबी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए प्रदर्शनकारियों को चेतावनी भी दी कि अगर किसी तरह का बवाल हुआ तो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जजों की हत्या करने की धमकी देने वालों को भी कड़ी चेतावनी दी। 

इमरान ने कहा कि जो लोग आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के खिलाफ बगावत करने व अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहें हैं वो संभल जाए। 

दरअसल प्रदर्शनकारी  आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में बरी किए जाने पर पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गैर मुस्लिम बताया रहे हैं। प्रदर्शनकारी सेना के खिलाफ बगावत के लिए भी लोगों को उकसा रहे हैं। 

इमरान खान कहा कि आसिया बीबी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने संविधान के मुताबिक फैसला लिया है और पाकिस्तान का संविधान इस्लाम के अनुसार बना है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसी के कहने पर फैसला नहीं सुनाएगा।