राजस्थान में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा। इस चुनाव में जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी ने 58 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करके दोनों पार्टियों को चुनौती दी है।
नई दिल्ली-- राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा के लिए वोट डाले जा रहे हैं। तेलंगाना में 119 सीटों के लिए मतदान हो रहा हैं तो वहीं राजस्थान में आज सुबह 8 बजे से 200 विधानसभा में से 199 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। इस चुनाव में 189 महिला उम्मीदवारों सहित 2,274 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिये चुनावी मैदान में उतरे हैं। अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीएसपी उम्मीदवार के निधन की वजह से चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
राजस्थान में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा। इस चुनाव में जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी ने 58 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करके दोनों पार्टियों को चुनौती दी है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को उनके खिलाफ उम्मीदवार बनाया है।
इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट टोंक विधानसभा सीट से मैदान में हैं। मुस्लिम बहुल इस सीट पर 2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था।
भारतीय जनता पार्टी ने पायलट के खिलाफ टोंक विधानसभा सीट पर अपने एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार यूनुस खान को मैदान में उतारा है। पार्टी ने इससे पहले यहां से मौजूदा विधायक अजित सिंह मेहता को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी। लेकिन कांग्रेस ने जब मुस्लिम बहुल टोंक सीट से पायलट को उतारने की घोषणा की तो बीजेपी ने अपने प्रत्याशी को बदलकर यूनुस खान को उतार दिया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत जोधपुर जिले की सरदारपुरा सीट से विधायक हैं। पिछले चुनाव में उन्होनें बीजेपी शंभू सिंह खेतासर को हराया था। माना जा रहा है कि पिछली बार के चुनाव की तरह इस बार भी दोनों नेताओं में दिलचस्प और कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके गहलोत को कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाता है। वो इस वक्त कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी राजस्थान विधा
नसभा चुनाव में नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ वसुधंरा सरकार में मंत्री किरण माहेश्वरी चुनावी मैदान में हैं। यहां दोनों ही बड़े चेहरों के लिए जीत हासिल करना प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। सीपी जोशी नाथद्वारा विधानसभा सीट से 1980, 1985, 1998 और 2003 चुनाव जीते हैं।
इसके अलावा उन्होंने पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाली थी।
तेलंगाना में 2014 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 119 सीटों में से केसीआर की पार्टी टीआरएस को 90 सीटें मिली थी. जबकि कांग्रेस को 13, ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7, बीजेपी को 5, टीडीपी को 3 और सीपीआईएम को एक सीट मिली थी।
इस बार भी इन्हीं पार्टियों के बीच मुकाबला है। बीजेपी के लिए तेलंगाना विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए अग्निपरीक्षा होंगे क्योंकि 2014 के विपरीत इस बार यह पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है। 2019 लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिण भारतीय राज्य में बीजेपी अपनी जड़ें मजबूत करना चाहेगी।
साल 2014 में बीजेपी-टीडीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उसने कुल 119 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी।