जन्माष्टमी 2024 पर घूमें प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर
उत्तर से लेकर दक्षिण तक जन्माष्टमी हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख त्योहार है। कृष्ण भक्तों को इस त्योहार का इंतजार बेसब्री से रहता है। वैसे तो जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) में मुथरा-वृंदावन (Mathura-Vrindavan Janmashtami) की बात अलग है लेकिन इस दौरान मथुरा में पैर रखने की जगह नहीं होती। ऐसे में अगर आप इस बार राधा-कृष्ण मंदिर (Radha Krishna Temple) में जन्माष्टमी मनाना चाहते हैं तो इन फेमस मंदिरों की ट्रिप प्लान कर सकते हैं।
1) ओडिशा स्थित जगन्नाथ मंदिर
ओडिशा स्थित जगन्नाथ मंदिर में वैसे तो हर 12 महीने भीड़ रहती है लेकिन यहां पर जन्माष्टमी बेहद खास तरह से मनायी जाती है। 800 साल पुराना पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर काफी रहस्यमयी है। जिसकी छाया नहीं बनती और हमेशा झंडा विपरीत दिशा में रहता है। आप जन्माष्टमी पर इस मंदिर को विजिट कर सकते हैं।
2) नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर राजस्थान
जन्माष्टमी पर राजस्थान के प्रसिद्ध नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर भी आप जा सकते हैं। जहां देश ही नहीं दुनियाभर से भक्त घूमने आते हैं। शोध बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया था। वहीं मंदिर में स्थापित मूर्तिया मेवाड़ के राज औरंगजेब से बचाकर लाये थे। नाथद्वारा को भगवान विष्णु के अवतार माना जाता है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण की काले रंग की मूर्ति स्थित है। मान्यता है कि श्रीनाथ जी के दर्शन बाद यहां के प्रसाद में मिले चावल को तिजोरी में रखते हैं जिससे उनके घर में सुख-संपत्ति की कमी न हो।
3) हंपी स्थित बालकृष्ण मंदिर
कर्नाटक के हंपी में स्थित बालकृष्ण मंदिर काफी यूनिक तरीके से बना है। इतना ही नहीं इस मंदिर को यूनेस्को (UNESCO) ने वर्ल्ड हेरिटेज वेबसाइट में शामिल है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण जी बाल स्वरूप मूर्ति में स्थापित है। जन्माष्टमी में यहां खास उत्सव का आयोजन किया जाता है।
4) बैंगलुरू स्थित इस्कॉन मंदिर
प्रमुख कृ्ष्ण मंदिर के अलावा इस्कॉन मंदिरों में भी जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। ऐसे में आप बैंगलुरू स्थित इस्कॉन टेंपल जा सकते हैं। जिसे देश का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर माना जाता है। दावा किया जाता है इस मंदिर का निर्माण 1997 में किया गया था।
5) कर्नाटक स्थित उडुपी कृष्ण मठ
कर्नाटक के उडुपी में स्थित कृ्ष्ण मठ भी आप जन्माष्टमी पर विजिट कर सकते हैं। इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में किया गया था। मान्यता है कि इस मंदिर के पास स्थित तालाब में दूर से ही मंदिर और भगवान कृष्ण की मूर्ति का प्रतिबंब दिखाई देता है। जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। जन्माष्टमी पर यहां मेले के साथ खास पूजा का आयोजन किया जाता है।