महाकुंभ 2025: इंजीनियरिंग और मॉडलिंग को छोड़कर सनातन धर्म की शरण में युवा, क्या है वजह?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jan 14, 2025, 5:19 PM IST

महाकुंभ 2025 में पेशेवर जीवन छोड़कर आध्यात्म की राह चुनने वाले युवाओं ने सबका ध्यान खींचा। आईआईटी के इंजीनियर बाबा और मॉडल हर्षा की प्रेरणादायक कहानियां जानें, जिन्होंने सनातन धर्म की गहराई को अपनाया।

महाकुम्भनगर। आधुनिक युग में, जहां यूथ टेक्नोलॉजी और ग्लैमर की दुनिया में करियर बनाने का सपना देखते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी पेशेवर पहचान को पीछे छोड़कर सनातन धर्म को अपनाया है। महाकुंभ 2025 में नई पीढ़ी का सनातन संस्कृति की तरफ बढ़ता झुकाव दिखा। इस महाकुंभ में ऐसे तमाम उदाहरण देश और दुनिया ने देखे। ग्लैमर की दुनिया छोड़कर उत्तराखंड की हर्षा और आईआईटी बॉम्बे के स्टूडेंट रहे इंजीनियर बाबा ने आध्यात्म का रास्ता चुना।   

हर्षा: ग्लैमर की दुनिया से सनातन की ओर

उत्तराखंड की रहने वाली हर्षा, जो ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं, उन्होंने महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म की दीक्षा ली। देश-विदेश में पहचान बना चुकी हर्षा ने प्रोफेशनल जीवन में मिली बाहरी चमक-दमक के पीछे के खालीपन को महसूस किया। वह कहती हैं कि,"ग्लैमर वर्ल्ड दिखावे से भरी हुई है। असली खुशी और शांति मुझे वहां नहीं मिली। मैंने महसूस किया कि मैं अपने अंदर कुछ अधूरा महसूस कर रही हूं। जब मैं स्वामी कैलाशानंद गिरि से मिली और सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को समझा, तो मैंने जीवन का सही अर्थ जाना।"

इंजीनियर बाबा: विज्ञान से अध्यात्म तक

हरियाणा के मूल निवासी और आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अभय सिंह, जिन्हें अब "इंजीनियर बाबा" के नाम से जाना जाता है। वह महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को विज्ञान और धर्म के अनोखे संबंध को समझा रहे हैं। उन्होंने अपने तकनीकी ज्ञान का यूज करते हुए साधारण भाषा और डायग्राम के माध्यम से बताया कि कैसे विज्ञान का गहन अध्ययन हमें आध्यात्म की ओर ले जाता है। वह कहते हैं कि, "साइंस केवल हमारे चारों ओर के भौतिक जगत को समझने का एक माध्यम है। लेकिन जब आप जीवन की गहराई को समझते हैं, तो आप महसूस करते हैं कि विज्ञान और अध्यात्म एक ही सत्य के दो पहलू हैं।"

युवाओं का सनातन की ओर क्यों बढ़ रहा झुकाव?

महाकुंभ 2025 में हर्षा और इंजीनियर बाबा जैसे उदाहरण बताते हैं कि युवा पीढ़ी क्यों और कैसे आध्यात्म की ओर रुख कर रही है? बिजी और स्ट्रेसफुल लाइफ से ऊब चुके युवा आंतरिक शांति की तलाश में हैं। सनातन धर्म की गहराई और प्राचीन परंपराओं में सादगी और समाधान खोज रहे हैं। युवा अब यह समझने लगे हैं कि विज्ञान और धर्म एक-दूसरे के पूरक हैं। आध्यात्म की तरफ झुकाव केवल धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक नई दृष्टि देता है।

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