Whooping Cough Outbreak: दुनिया के किसी भी देश में अगर इंफेक्शन या बीमारी फैलती है तो उसका असर सभी देशों में पड़ सकता है। कोरोना के बाद अब चीन में काली खांसी के केस में तेजी से इजाफा हुआ है। दो महीनों में लोगों की मौत भी इस बीमारी से होने लगी है।
हेल्थ डेस्क। नेशनल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो चीन में पिछले दो महीने में काली खांसी (Whooping Cough Outbreak in china) के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है। साथ ही फिलिपिंस और अन्य देशों में इस बीमारी का संक्रमण फैल रहा है। इस खांसी के कारण चीन में दो महीने के अंदर 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस जानलेवा खांसी के लक्षण दिखते तो सामान्य हैं लेकिन अचानक से ही व्यक्ति परेशान हो उठता है। जानिए आखिर क्या होती है काली खांसी।
काली खांसी (Whooping cough) क्या होती है?
बैक्टीरियम बोर्डेटेला पर्टुसिस (बैक्टीरिया का संक्रमण) के कारण फैलने वाली काली खांसी की बीमारी जानलेवा होती है। आमतौर पर सर्दी-जुकाम होने पर कुछ ही समय में ठीक हो जाता है। लेकिन काली खांसी आसानी से ठीक नहीं होती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है।
काली खांसी के लक्षण
काली खांसी के लक्षण सामान्य सर्दी जैसे ही दिखते हैं। इन लक्षणों को पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है। काली खांसी के दौरान लगातार खांसी आना और छाती में दर्द होने लगना आम होता है। कम उम्र के बच्चों को अगर कांली खांसी हो जाती है तो उन्हें निमोनिया, डिहाइड्रेशन से गुजरना पड़ता है। जानिए काली खांसी के कुछ अन्य लक्षणों के बारे में।
काली खांसी से बचाव
काली खांसी से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय होता है वैक्सीन लगवाना।8, 12 और 16 weeks के बच्चों को काली खांसी का वैक्सीन लगाया जाता है। अगर बच्चों को वैक्सीन नहीं लगे हैं तो काली खांसी की खतरा अधिक रहता है। अगर आपको ये बीमारी हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराएं।
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