Covid-19 decreased life expectancy: WHO ने रिपोर्ट्स जारी कर जानकारी दी है कि कोविड-19 के कारण लाइफ एक्सपेक्टेंसी में 2 साल की कमी आ गई है। यानी इंसानों की जो औसत आयु मानी जाती है, अब वो 2 साल कम हो चुकी है।
हेल्थ डेस्क। लाइफ एक्सपेक्टेंसी यानी किसी व्यक्ति के जीने या उम्र की एक संख्या, जिसकी उम्मीद की जाती है। कोरोना महामारी के बाद देश-दुनिया में स्वास्थ को लेकर कई बदलाव देखने को मिले है। अब WHO जानकारी दी है कि कोविड-19 के कारण लाइफ एक्सपेक्टेंसी में 2 साल की कमी (Covid-19 decreased life expectancy) आ गई है। यानी इंसानों की जो औसत आयु मानी जाती है, अब वो 2 साल घट चुकी है।
कोडिव-19 के कारण घटी लाइफ एक्सपेक्टेंसी (Covid-19 decreased life expectancy)
WHO की ओर से जारी की गई रिपोर्ट दुनिया की जनसंख्या ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी पर बेस्ड है। चार साल से दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस का तेजी से म्यूटेशन हो रहा है। इस कारण से लोगों में कोरोना के लक्षण दिखने के साथ ही अन्य बीमारियों के लक्षण भी दिख रहे हैं। WHO ने कहा है कि कोडिव-19 के कारण घटी लाइफ एक्सपेक्टेंसी 1.8 से गिरकर 71.4 रह गई है। यानी साफ है कि अब इंसान की औसत आयु 71.4 है।
मोटापे का खतरा (Obesity due to Covid-19)
कोविड-19 के कारण साल 20220 से 2021 में 1.59 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी के साथ ही लोगों में हार्ट डिसीज, स्ट्रोक, अल्जाइमर रोग, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी बीमारी, डायबिटीज आदि के कारण लोगों की जान गई है। अब कोविड-19 का दुष्प्रभाव ये है कि लोगों में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है।
कोरोना के कारण बच्चों में कुपोषण (Malnutrition) के साथ कमजोरी
इसे कोरोना का साइड इफेक्ट ही कहेंगे कि साल 2022 में 5 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले करीब 148 मिलियन बच्चों में बौनापन और करीब 45 मिलियन बच्चों में कमजोरी देखने को मिली। वहीं 37 मिलियन बच्चों का वजन ज्यादा निकला। इन स्वास्थय समस्याओं के चलते बच्चों के साथ ही वयस्कों की हेल्थ में बुरा असर पड़ रहा है। इस कारण से अन्य बीमारियों के जोखिम बढ़ने के साथ ही जान का खतरा भी बढ़ रहा है।
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