IAS Success Story: IIT-IIM नहीं यहां से एजूकेशन...पहले IPS फिर बनें आईएएस, पहले अटेम्पट में क्रैक किया UPSC

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jul 27, 2024, 6:34 PM IST

मराठी माध्यम के स्कूल से पढ़ाई। पहले अटेम्पट में आईपीएस और फिर दूसरे प्रयास में आईएएस बनें। हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के आईएएस योगेश अशोकराव पाटिल की। आइए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी।

UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा एक बार ही पास करना मुश्किल होता है, लेकिन महाराष्ट्र के योगेश अशोकराव पाटिल ने यह कमाल दो बार किया है। पहले उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में सफलता हासिल की और बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी बने। उनकी कहानी दृढ़ता, संकल्प और मेहनत का बेहतरीन उदाहरण है।

IAS योगेश अशोकराव पाटिल एजूकेशन

पुणे के रहने वाले योगेश शुरूआती दिनों से ही मेधावी छात्र रहे हैं। 10वीं में 96.7% और 12वीं में 94.8% अंक प्राप्त किए। उनके पिता एक प्राथमिक शिक्षक और उनकी मां हाउस वाइफ हैं। साल 2017 में पुणे विश्वविद्यालय से बी.टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) की डिग्री हासिल करने के बाद, योगेश ने साल 2018 में सिविल सेवा परीक्षा यानी यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

कैसे मिली IAS बनने की प्रेरणा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिविल सेवा के रूप में कॅरियर ही उनका अंतिम लक्ष्य था। इसलिए किसी और विकल्प के बारे में नहीं सोचा। आईएएस बनने की प्रेरणा उन्हें डॉ. श्रीकर परदेशी (IAS, महाराष्ट्र कैडर) से मिली, वह अपने जिलों के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाए थे। उनका काम देखकर योगेश इतने प्रभावित हुए कि IAS अधिकारी बनने की ठान ली, हालांकि तब उन्हें इस क्षेत्र के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।

पहले प्रयास में बनें आईपीएस

योगेश ने 2018 के अपने पहले प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में 231वीं रैंक प्राप्त की। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में नियुक्ति मिली, पर उनका सपना IAS अधिकारी बनने का था। साल 2019 में दोबारा यूपीएससी एग्जाम दिया तो ऑल इंडिया 63वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया। योगेश के मुताबिक, यूपीएससी में सफलता सिर्फ अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए नहीं है, बल्कि उन्होंने खुद मराठी माध्यम के स्कूल से पढ़ाई की है।

क्या है यूपीएससी के सक्सेस सीक्रेट?

वह एस्पिरेंट्स को सबसे पहले अपना लक्ष्य और प्राथमिकताएं स्पष्ट करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि यदि आपका अंतिम लक्ष्य सिविल सर्विस ज्वाइन करना है तो उसके प्रति पूरी तरह समर्पित रहें। आत्म-मूल्यांकन महत्वपूर्ण है और अपनी क्षमताओं के बारे में जागरूक होने से आप अपनी तैयारी की बेहतर ढंग से योजना बना सकते हैं। वर्तमान में, योगेश पश्चिम बंगाल सरकार के होम एंड हिल्स अफेयर्स डिपार्टमेंट में स्पेशल ऑफिसर ऑन ड्यूटी (OSD) के रूप में कार्यरत हैं।

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