फिजिक्स के फॉर्मूलों से खेती में रचा इतिहास, बने सफलता की मिसाल और अब कमाते हैं लाखों

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 9, 2024, 11:13 AM IST
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केरल के विनोद सहदेवन नायर ने फिजिक्स का ज्ञान खेती में लगाया और केले की 500 से ज्यादा किस्मों की खेती कर एक नई मिसाल कायम की। वैज्ञानिक तरीकों से खेती करके वे अब हर महीने लाखों की कमाई कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली: साइंस ने एग्रीकल्चर के साथ मिलकर खेती की पुरानी धारणा को बदला ही नहीं है, बल्कि इससे जुड़े किसानों को बुलंदियों पर पहुंचाया है। केरल के विनोद सहदेवन नायर ऐसे ही किसान हैं। प्यार से लोग उन्हें 'बनाना मैन' कहते हैं। अपनी फिजिक्स की पढ़ाई को खेती में लागू करके विनोद ने केले की 500 से भी अधिक किस्मों की खेती की। यह अनोखा काम करके उन्होंने ए​क नया इतिहास रच दिया। अब उनकी लाखों की कमाई हो रही है। 

मां के निधन के बाद बदल गई जिंदगी

विनोद सहदेवन नायर तिरुअनंतपुरम, केरल के रहने वाले हैं। उन्होंने फिजिक्स में BSc की पढ़ाई की है। शुरुआत में वह कुछ समय तक नौकरी में लगे रहे और फिर कोच्चि में एक वेब डिजाइनिंग कंपनी शुरू की। हालांकि, उनके जीवन में एक अहम मोड़ तब आया, जब उनकी मां का निधन हो गया। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने परिवार के खेतों की ओर रुख किया और खेती में नई संभावनाएं तलाशी।

कई राज्यों का दौरा कर इकट्ठी की केले की वैरॉयटी

विनोद खेती को पारंपरिक ढर्रे से हटकर करना चाहते थे। उन्होंने तय किया कि वह केले की ऐसी किस्मों की खेती करेंगे जो केरल में कम ही देखने को मिलती हैं। इसके लिए उन्होंने विभिन्न राज्यों का दौरा किया और खेती की नई-नई तकनीकों और किस्मों की जानकारी प्राप्त की। अपने खेत के लिए केले की दुर्लभ किस्मों को इकट्ठा करने के लिए विनोद ने कई राज्यों की यात्रा की। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, असम, बंगाल और मणिपुर जैसे राज्य शामिल थे। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न बागवानी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों से संपर्क कर केले की नई किस्मों को पाने की कोशिश की।

केले की 500 से अधिक किस्में 

केले के हर प्रकार का अपना एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व होता है। उदाहरण के लिए, कन्याकुमारी की एक विशेष किस्म 'मनोरंजीतम' अपनी सुगंध के लिए मशहूर है। पुराने समय में इसे शुभ अवसरों पर घरों में लटकाने की परंपरा थी। विनोद ने इन सांस्कृतिक विशेषताओं को भी अपनी खेती में महत्व दिया। वर्तमान में विनोद के खेत में केले की 500 से भी अधिक किस्में हैं। इनमें लेडीज फिंगर केला, लाल केला, और ब्लू जावा जैसी अंतर्राष्ट्रीय किस्में भी शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने मलेशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, हवाई, और होंडुरास जैसे देशों से भी केले की कई दुर्लभ तटीय जलवायु वाली किस्में इकट्ठा की हैं।

वैज्ञानिक तरीके से खेती, महीने में एक लाख रुपये कमाई

विनोद ने अपने फिजिक्स के ज्ञान को खेती में भी इस्तेमाल किया। उन्होंने पौधों की ग्रोथ, जल आपूर्ति और सूर्य की रोशनी को नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया। उनका मानना है कि खेती एक विज्ञान है, जिसमें सही प्लानिंग और संसाधनों का सही इस्तेमाल करके शानदार नतीजे प्राप्त किए जा सकते हैं। विनोद सहदेवन अपनी उपज को थोक बाजार में बेचते हैं। इसके जरिए वह हर महीने 1 लाख रुपये से भी ज्यादा की कमाई कर रहे हैं। उनके खेत में उत्पादित केले की विभिन्न किस्में थोक में बिकती हैं, जिनकी बाजार में बहुत मांग है।

सोशल मीडिया पर केले की जानकारी करते हैं शेयर

केले की विभिन्न किस्मों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विनोद ने फेसबुक पर एक ग्रुप भी बनाया है। इस ग्रुप के माध्यम से वह केले की जानकारी साझा करते हैं और यहां तक कि कई किस्मों को मुफ्त में भी उपलब्ध कराते हैं। उनके इस काम की सराहना समाज के हर वर्ग में हो रही है।

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