मध्यप्रदेश. 27 वर्षीय अमीन ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।उनके पिता इकबाल मंसूरी टेलर है और मां भी टेलरिंग करती हैं।घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है, अमीन के दो भाई हैं, दोनो भाई टेलर का काम करते हैं,बचपन से ही अमीन पढ़ने में बहुत तेज थे मां बाप ने अपने बच्चे को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, चूंकि घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी लिहाजा अमीन की मां भी कपड़े सिलने का काम करने लगी। बाकी भाइयों को पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी, अमीन ने 12वीं पीपलरावां के शासकीय स्कूल से किया और ग्रेजुएशन इंदौर से, पैरों से लिखना सीखा, साथ-साथ कंप्यूटर चलाना सीखा, ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद अमीन ने पटवारी का फॉर्म भरा और जिले में पहला स्थान प्राप्त किया।
शारीरिक विकलांगता कामयाबी में रोड़ा नहीं
अमीन कहते हैं मुझे ऊपर वाले ने जैसा बनाया मैंने उसने संतोष किया और यह सोच लिया कि मुझे अपनी किस्मत इसी शरीर से लिखना है और साबित करना है की शारीरिक विकलांगता कभी आपकी कामयाबी और तरक्की के बीच में रोड़ा नहीं बनती, मैंने 12 घंटे पढ़ाई किया, पिछले 4 साल से कंपीटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा हूँ बैंक का एग्जाम दिया, रेलवे का एग्जाम दिया,
पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिला है।
पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर हो चुके हैं सम्मानित
2012 में कक्षा 11वीं में पढ़ाई के दौरान सोलर कूकर का प्रोजेक्ट बनाया था, जो राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ। इसके लिए अमीन को सम्मानित किया गया, पैरों से लिखने का तरीका अमीन को किसी ने सिखाया नहीं, उनके अंदर पढ़ने की ललक थी कंप्यूटर चलाने का शौक था इसलिए धीरे-धीरे उन्होंने पैरों से लिखना शुरु किया और कंप्यूटर भी चलाने लगे। बचपन से ही पढ़ने में तेज थे तो मां बाप के साथ साथ टीचर्स ने भी बहुत स्पोर्ट किया।
जोइनिंग के बाद आगे की पढ़ाई कंटीन्यू करेंगे
आगे की प्लानिंग को लेकर अमीन ने बताया की पढ़ने का शौक है से पढ़ाई नहीं रुकेगी जॉइनिंग के बाद मास्टर्स करूंगा, उसके बाद देखते हैं क्या और कर सकता हूं, अमीन ने बताया की एनटीपीसी प्री की परीक्षा भी उन्होंने पहले ही अटेम्प्ट में क्लियर किया. आगे भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते रहेंगे।
लोगों का तांता लगा है
अमीन की कामयाबी से पूरे जिले के लोग खुश हैं हमसे बात करते हुए उन्होंने बताया कि जबसे रिजल्ट निकला है मोहल्ले के लोग रिश्तेदार नातेदार दोस्त सब बधाई दे रहे हैं मिठाइयां लेकर आ रहे हैं। माला पहना रहे हैं और हौसला अप्लाई कर रहे हैं। सब इस बात को लेकर खुश हैं कि मैंने देवास का नाम रोशन किया है।