जिस काम पर मां-बाप ने उठाए थे सवाल, उसी से नीता ने खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस, सरकार भी फैन

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Nov 1, 2024, 1:38 PM IST
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रांची की नीता सिंह ने परिवार के तानों के बावजूद अपने पौधों के पैशन को बिजनेस में बदल दिया। आज उनके कस्टमाइज प्लांट्स का क्रेज इतना बढ़ गया है कि सरकार भी उनकी ग्राहक बन चुकी है। जानें नीता की सफलता की कहानी।

रांची। कई बार लोग समाज और परिवार के दबाव में अपने पैशन को छोड़कर किसी और रास्ते पर चल पड़ते हैं। लेकिन झारखंड की राजधानी रांची की नीता सिंह ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने पैशन को फॉलो कर साबित कर दिया कि अगर इंसान अपने पैशन को अपनाए तो खुशी के साथ सफलता भी हासिल कर सकता है। नीता ने अपने प्लांटेशन के शौक को एक बड़े बिजनेस में बदल दिया। घर बैठे कमाई कर रही हैं। आज सरकार भी उनकी फैन बन चुकी है।

बचपन से था पौधों से लगाव

नीता बताती हैं कि उनका पौधों से लगाव बचपन से ही था। बचपन में जैसे ही उन्हें कोई गमला या छोटा पौधा दिखता, वो तुरंत उसे संवारने में लग जातीं। माता-पिता इस आदत पर अक्सर डांटते थे और कहते थे कि पढ़ाई पर ध्यान दो। पर नीता को प्लांटेशन का काम करना बेहद पसंद था, और इसी ने उनकी जिंदगी का रास्ता तय कर दिया।

हॉबी को बिजनेस में तब्दील किया

नीता ने अपने इस पैशन को ही आगे चलकर बिजनेस में बदलने का सोचा। उन्होंने कस्टमाइज पौधे बनाने का काम शुरू किया। उनके छोटे-छोटे इंडोर प्लांट्स को लोग शोपीस के रूप में पसंद करने लगे। इन पौधों के साथ राधा-कृष्ण, गौतम बुद्ध जैसे छोटे-छोटे सजावट के आइटम्स भी लगा दिए जाते हैं, जो इसे और आकर्षक बनाते हैं।

कस्टमाइज पौधों की खासियत

नीता का बिजनेस इसलिए भी पॉपुलर हो गया, क्योंकि उनके पौधे ना सिर्फ सजावट के लिए होते हैं, बल्कि उनमें कम देखभाल की जरूरत होती है। नीता बताती हैं कि इन पौधों में पानी केवल दो-तीन दिन में थोड़ा-सा डालना होता है। खास मौके पर किसी को खास तोहफा देने के लिए भी लोग इन कस्टमाइज पौधों को पसंद करते हैं। इसके अलावा, "आई लव यू" या किसी अन्य खास संदेश को भी पौधों पर कस्टमाइज करके दिया जा सकता है, जो इसे और भी खास बनाता है।

तैयार किए 4000 से ज्यादा कस्टमाइज पौधे

अब तक नीता ने 4000 से ज्यादा कस्टमाइज पॉट्स तैयार किए हैं। उनकी खासियत यह है कि हर ऑर्डर के हिसाब से अलग पौधा बनाती हैं। नीता का मानना है कि हर इंसान की अपनी पसंद होती है और इसीलिए वो हर कस्टमाइज पौधे को अलग और खास बनाने पर ध्यान देती हैं।

सरकारी ऑर्डर्स से बढ़ा बिजनेस

नीता के बिजनेस का एक और खास पहलू यह है कि उन्हें गवर्नमेंट से भी बड़े-बड़े ऑर्डर्स मिलते हैं। सरकारी कार्यक्रमों के दौरान उन्हें 500-1000 पौधों के ऑर्डर्स मिलते हैं, जो उनकी अच्छी-खासी कमाई का जरिया बनता है। इससे ना केवल उनकी आमदनी में इजाफा हुआ है, बल्कि सरकारी लेवल पर उनकी पहचान भी बनी है।

रंगीन पत्थरों का इस्तेमाल

नीता के कस्टमाइज पौधों में गौतम बुद्ध और रंग-बिरंगे पत्थरों का खास इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, चारकोल का भी उपयोग किया जाता है जो पौधे से निकलने वाली गैस को सोखने का काम करता है। ऐसे कस्टमाइज पौधों की डिमांड विशेष अवसरों जैसे वैलेंटाइन डे पर और भी बढ़ जाती है।

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