मां घरों में करती है चौका बर्तन, पिता चौकीदार, बेटा टीम इंडिया के लिए खेल रहा है हॉकी

By rohan salodkar  |  First Published Aug 8, 2023, 11:00 AM IST

सोमवार को एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में सेल्वम कार्थी को बेस्ट यंग प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड मिला। इंडियन हॉकी टीम तक पहुंचने में कार्थी का सफर संघर्षों से भरा है। कार्थी के पिता चौकीदार हैं, मां दूसरों के घरों में चौका बर्तन करती हैं। कार्थी तीन भाई बहन है, बड़ी बहन की शादी हो चुकी है छोटा भाई पढ़ कर रहा है। पिछले साल मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कार्थी को नया घर दिया था।

चेन्नई. हॉकी प्रेमियों के लिए सोमवार का दिन खास रहा। खासतौर से तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण के लिए।दरअसल एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने मलेशिया को 5-0 से हरा दिया. पहले ही क्वार्टर में सेल्वम कार्थी ने मलेशिया के खिलाफ टीम इंडिया को बढ़त दिलाई। सेल्वम कार्थी को बेस्ट यंग प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवार्ड मिला।लेकिन कार्थी का हॉकी तक पहुंचने का सफर बहुत कष्टदायक है। 

कौन है तमिलनाडु के सेल्वम कार्थी

भारतीय हॉकी टीम के लिए खेलने वाले सेल्वम कार्थी का जन्म 1 सितंबर 2001 को हुआ था। उनकी ज़िंदगी का  सफर कांटों से भरा हुआ है। उनकी मां वलारमथी लोगों के घरों में चौका बर्तन करती हैं जबकि पिता सेलवम अरियालुर में सरकारी कॉलेज में चौकीदार थे। उनकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और छोटे भाई ने 2022 में ट्वेल्थ पास किया था।बहुत कम आमदनी में पैसा जोड़ जोड़ कर कार्थी के पिता और मां ने बच्चों को पढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी।  एक मीडिया इंटरव्यू में सेल्वम कार्थी की मां ने कहा था घर पर खाना खाने के लिए हमें हर दिन काम करना पड़ता है जिस दिन काम पर ना जाओ उस दिन चूल्हा नहीं जल पाता। कार्थी स्कूल के दिनों मे फुटबॉल और बास्केटबॉल खेलते थे। सातवीं क्लास में पहली बार उन्होंने हॉकी स्टिक उठाया था । एक साल बाद अरियालुर  में तमिलनाडु गवर्नमेंट स्पोर्ट हॉस्टल में कार्थी को एडमिशन मिल गया ।

 

हॉकी टीम में इस तरह हुई सेल्वम कार्थी की एंट्री

 2018 जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में कार्थी ने 4 मैचों में दो बार स्कोर किया। तमिलनाडु की हॉकी यूनिट 20-टीम प्रतियोगिता में 16वें स्थान पर थी,एक साल के बाद टीम नौवें स्थान पर थी और कार्थी सात गोल के साथ प्रतियोगिता के टॉप स्कोरर रहे । साल 2019 में कार्थी के शानदार प्रदर्शन की वजह से भारतीय जूनियर राष्ट्रीय हॉकी टीम के साथ साथ हॉकी हब कोविलपट्टी में राज्य सरकार के स्पोर्ट्स हॉस्टल फॉर एक्सीलेंस में सेल्वम कार्थी को जगह मिल चुकी थी। लेकिन लॉकडाउन ने कहर बरपा दिया। 

लॉकडाउन में खाने के लाले पड़ गए

लॉकडाउन ने सेल्वम कार्थी की  फैमिली को तोड़ कर रख दिया। सेल्वम  के पिता को चौकीदार की नौकरी करते थे जिस से उन्हें 5000 रूपये  मिलते थे।  उसमें घर का खर्चा चलना मुश्किल था।लॉकडाउन में घर में खाने के लाले पड़ गए। पिता की सैलरी आधी कट कर आती थी। कार्थी ने अपने परिवार के खर्चे को पूरा करने के लिए एक स्थानीय बेकरी में अंशकालिक नौकरी कर ली  लेकिन नौकरी की वजह से उनका हॉकी का करियर रुक गया। कार्थी की  प्रैक्टिस रुक गई जिससे उनका वेट बढ़ गया और जूनियर वर्ल्ड कप में उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया और जूनियर स्तर पर वह किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेल सके।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिर से शुरू हुआ हॉकी का सफर

2021 में जब लॉकडाउन में ढील दी गई थी उस वक्त सेलवम कार्थी ने सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप की शुरुआत की। अकेले दम पर कार्थी ने तमिलनाडु को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया लेकिन आखिरी मिनट में महाराष्ट्र के गोल ने मैच को पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा दिया जिससे तमिलनाडु हार गया। 10 गोल के साथ कार्थी सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे। 2022 में कार्थी ने एशिया कप में सीनियर टीम के लिए खेला। मई 2022 में उन्हें पहली बार भारतीय सीनियर टीम में मौका मिला था। अभी तक सेल्वम कार्थी ने भारत के लिए 16 मुकाबले खेले हैं।एशिया कप 2022 में पाकिस्तान के खिलाफ कार्थी ने भारत के लिए डेब्यू किया था। वह मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ था।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कार्थी को दिया घर

साल 2022 में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सेलवम कार्थी के अरियालुर स्थित घर का दौरा किया घर की स्थिति को देखते हुए उन्होंने परिवार के लिए एक नया घर उपहार में दिया था। कार्थी अन्य खिलाडियों की तरह जीवन में चमक दमक से बहुत दूर हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हो कार्थी इसी के इंतज़ार में है 

 

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