गांव से शुरूआत, नौकरी छोड़ बनाई ऐसी पहचान...शार्क टैंक के जज भी रह गए हैरान

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Nov 22, 2024, 2:19 PM IST

Success Story: हिमाचल के छोटे से गांव के अंकुश बरजाता ने लाखों की नौकरी छोड़ बनाई करोड़ों की कंपनी 'दीवा', जानिए उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।

Success Story: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव बंगाणा से ताल्लुक रखने वाले 23 वर्षीय अंकुश बरजाता ने कमाल कर दिया। लाखों की नौकरी को ठुकराकर ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी 'दीवा' की शुरुआत की, जो आज करोड़ों का सालाना कारोबार करती है। उनकी इस सफलता ने शार्क टैंक के जजों को हैरान कर दिया। देश भर में उन्हें पहचान तो मिली ही। साथ ही उन्होंने 2 करोड़ की डील भी झटकी। आइए जानते हैं अंकुश बरजाता की इंस्पिरेशनल स्टोरी।

दादा गांव-गांव घूमकर बेचते थे सलवार-कमीज 

अंकुश का जन्म 13 दिसंबर 2000 को बंगाणा गांव में हुआ। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। उनके दादा गांव-गांव घूमकर सलवार-कमीज बेचते थे। मां भी घर खर्च चलाने के लिए सिलाई करती और छोटी-मोटी चीजें बेचती थीं। उनके घर की स्थिति इतनी खराब थी कि कई बार केवल एक समय का भोजन ही मिलता था। उनकी मां के पास चूड़ियां खरीदने तक के पैसे नहीं थे, और वह अपनी कलाइयों पर धागे लपेटकर संतोष कर लेती थीं।

2011 में​ पिता ने रिटेल नौकरी छोड़कर शुरू किया बिजनेस

अंकुश की शुरूआती शिक्षा राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल बंगाणा से हुई। 2011 में उनके पिता ने रिटेल की नौकरी छोड़कर छोटा बिजनेस शुरू किया, जिससे घर की स्थिति थोड़ी बेहतर हुई। कंप्यूटर साइंस में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकुश ने हैदराबाद की एक कंपनी में सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी की। उन्हें 26.28 लाख रुपये का सालाना पैकेज मिला। हालांकि, अंकुश को नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। वे कुछ बड़ा करना चाहते थे, जो न केवल उन्हें बल्कि दूसरों को भी बेहतर जीवन दे सके। इसी सोच ने उन्हें 'दीवा' शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

कैसे हुई 'दीवा' की शुरुआत?

हैदराबाद में नौकरी के दौरान अंकुश की मुलाकात एक साड़ी निर्माता से हुई। जब उन्होंने देखा कि 300 रुपये में बनने वाली साड़ी बाजार में 1,000 रुपये में बिकती है, तो उन्होंने तय किया कि वह साड़ी निर्माताओं को सीधे कस्टमर्स से जोड़ने का काम करेंगे। 2020 में उन्होंने 'दीवा' नाम से अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी शुरू की। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो साड़ी निर्माताओं और कस्टमर्स के बीच के बिचौलियों को खत्म करता है। 'दीवा' के जरिए 60 से अधिक तरह की साड़ियां देशभर में बेची जाती हैं। आज कंपनी का सालाना कारोबार 5 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुका है।

100 से ज्यादा लोग कर रहे काम

अंकुश ने शार्क टैंक इंडिया में 'दीवा' का बिजनेस मॉडल पेश किया। उनका मॉडल इतना प्रभावशाली था कि जज अमन गुप्ता, राधिका गुप्ता और रितेश अग्रवाल ने 2 करोड़ रुपये की डील के लिए हामी भरी। शो में आने के बाद 'दीवा' की लोकप्रियता बढ़ गई। नए ग्राहक तेजी से जुड़ने लगे। अंकुश की कंपनी में आज 100 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर युवा हैं। 'दीवा' न केवल साड़ी निर्माताओं को जोड़ती है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करती है।

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