छोटे से कमरे में शुरू-बना बड़ा बिजनेस: इस काम से सालाना 30 लाख कमाई

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Oct 7, 2024, 10:44 PM IST

सुमन सुखीजा ने घर के एक कमरे से कॉर्डिसेप्स (कीड़ा जड़ी) की खेती शुरू कर सालाना 30 लाख रुपये का बिजनेस खड़ा किया। अब वह अन्य लोगों को भी इस खेती की ट्रेनिंग देकर प्रेरित कर रही हैं।

दिल्ली: दिल्ली की सुमन सुखीजा ने घर के एक कमरे से कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस (कीड़ा जड़ी) की खेती शुरू करके सालाना 30 लाख रुपये की कमाई का बिजनेस खड़ा किया। उन्होंने 2018 में 200 वर्ग फुट के कमरे में 4 लाख रुपये के निवेश से शुरुआत की और अब यह औषधीय मशरूम उन्हें बड़ा मुनाफा दे रहा है। इस मशरूम की खेती में कम लागत और हाई डिमांड के कारण सुमन का बिजनेस तेजी से बढ़ा। अब वह अन्य लोगों को भी इस खेती की ट्रेनिंग दे रही हैं।

खाली टाइम यूज करने के लिए शुरू किया बिजनेस

सुमन सुखीजा घर का काम निपटाने के बाद बाकि टाइम खाली रहती थीं। यह उन्हें परेशान करता था। समय को यूटिलाइज करने के लिए उन्होंने बिजनेस शुरू करने का निर्णय लिया। हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (HAIC) मशरूम और कृषि विकास केंद्र से संपर्क साधा। बटन मशरूम की खेती सीखी। वहीं उन्हें एक तरह की औषधीय मशरूम (कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस मतलब कीड़ा जड़ी) की जानकारी मिली। 

क्या है कीड़ा जड़ी?

दरअसल, कीड़ा जड़ी को कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो यह औषधीय गुणों वाला कवक हिमालय में पाया जाता है। पर इसे एक कमरे या लेबोरेट्री में भी उचित वातावरण देकर उगाया जा सकता है। इसकी खेती में लागत काफी कम आती है। डिमांड इतनी की मुनाफा सिर चढ़कर बोलता है। इस वजह से सुमन सुखीजा का ध्यान कीड़ा जड़ी की खेती की तरफ अट्रैक्ट हुआ।

200 वर्ग फीट के कमरे से शुरू की खेती

सुमन सुखीजा ने साल 2018 में 200 वर्ग फीट के कमरे से कीड़ा जड़ी की खेती की शुरूआत की। शुरूआती दिनों में 4 लाख रुपये लगाए। उन पैसों से कमरे में एक लैब बनाई। कीड़ा जड़ी उगाने के लिए थाईलैंड से कल्चर खरीदा और काम की शुरूआत कर दी। कॉर्डिसेप्स की फसल हुई तो 93 हजार रुपये प्रति किलो के रेट पर बेचा। इससे समझा जा सकता है कि लागत की तुलना में इस खेती में कितना ज्यादा मुनाफा है। 

एंटी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है कीड़ा जड़ी

सुमन के अनुसार, कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस नाम के इस औषधीय मशरूम में एंटी एंटीऑक्सीडेंट्स बहुत होता है। यह किडनी, डायबिटिज, श्वांस रोग और ऑटोइम्यून बीमारियों में कारगर साबित होता है। सबसे खास बात यह है कि इस औषधीय मशरूम की शेल्फ लाइफ काफी लंबी होती है और इसे उगाने में भी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती। मतलब यह है कि यदि आपकी फसल तैयार हो जाए तो उसे तुरंत बेचने का दबाव नहीं रहता है।

3 लाख रुपये निवेश करके शुरू कर सकते हैं काम

अब सुमन सुखीजा लोगों को इस औषधीय मशरूम की खेती के बारे में जानकारी देती है। उनसे हर महीने करीबन 20-30 लोग इसकी ट्रेनिंग भी लेते हैं। लैब लगाते समय लोगों को गाइड करती हैं। उनके मुताबिक, इस खेती के लिए कम से कम 100 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। 3 लाख रुपये इंवेस्टमेंट करके यह काम शुरू किया जा सकता है।

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