Exclusive: मजदूर का बेटा कैसे बना अफसर? सरकारी स्कूल से पढ़ाई, सपने जैसा था हॉयर एजूकेशन 

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Mar 11, 2024, 2:03 PM IST
Highlights

कहते हैं कि 'जहां चाह, वहां राह'। पिता मजदूर, सरकारी स्कूल से पढ़ाई, बिना फीस के कोचिंग कर यूपी पीसीएस-2021 में जगह बनाई। अब अलीगढ़ में ब्लॉक डेवलपमेंट आफिसर के पद पर कार्यरत हैं। आइए जानते हैं वेद प्रकाश की सफलता की कहानी।

Success Story: यूपी के मथुरा के गोविंदपुर गांव के रहने वाले वेद प्रकाश के लिए हॉयर एजूकेशन प्राप्त करना आसान नहीं था। पिता मजदूर थे। सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरु कर दी। माय नेशन हिंदी से बात करते हुए वह कहते हैं कि काफी बार पैसों की दिक्कत आई। कभी-कभी रिजल्ट नहीं आता है तो फैमिली सपोर्ट भी नहीं मिल पाता। परिवार कहने लगता है कि कोई दूसरी जॉब कर लो, लेकिन मैंने इन चीजों से हार नहीं मानी। यूपी पीसीएस 2021 एग्जाम में उन्हें सफलता मिली। वर्तमान में अलीगढ़ में ब्लॉक डेवलपमेंट आफिसर के पद पर कार्यरत हैं।

गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई

वेद प्रकाश गांव के ही सरकारी स्कूल से पढें। शुरु से ही पढ़ाई में होशियार थे। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट एग्जाम में अच्छे नंबर आए। तभी उन्होंने सिविल सर्विस को अपना कॅरियर बनाने का फैसला लिया। पर परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी। ऐसे में हॉयर एजूकेशन प्राप्त करना उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था। इन्हीं हालातों से जूझते हुए उन्होंने मथुरा के केआरपीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला। कई बार तो ऐसे हालात आए कि उनके पास पैसे नहीं होते थे तो पिता के साथ मजदूरी भी की। 

2017 से शुरु की सिविल सर्विस की तैयारी

उन्होंने साल 2017 के बाद सिविल सर्विस की तैयारी शुरु कर दी। एक साल तक सेल्फ स्टडी की। फिर दो साल तक कोचिंग भी ज्वाइन की। 4 बार नेट क्वालिफाई भी किया। साल 2020 में उन्हें एक सरकारी कोचिंग का सहारा मिला और हापुड़ में बिना फीस के तैयारी शुरु कर दी। एक साल तक होली, दीवाली कोई त्यौहार नहीं मनाया। घर भी नहीं गए। घर की याद आती थी तो इग्नोर करते थे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगातार जुटे रहें। 

सिविल सर्विस की तैयारी के साथ दूसरे एग्जाम भी दिए

वेद प्रकाश कहते हैं कि रिजल्ट के फाइनल तक जाओ। फाइनल लिस्ट में नहीं आता था तो डिमोटिवेट हो जाते थे, लेकिन खुद के अंदर एक मोटिवेशन था कि हमें अपने आपको बनाना है। उसी दरम्यान बड़े भाई का टीचर के पद पर सेलेक्शन हो गया था तो उनका भी सपोर्ट मिला। निराश होने पर वह हमें गाइड करते थे। उनका पूरा सपोर्ट मिला। लोअर पीसीएस और समीक्षा अधिकारी पदों के लिए मेंस एग्जाम दिया। यूपी पीजीटी में सेलेक्शन भी हुआ। तैयारी के साथ अन्य पदों के लिए भी एग्जाम देता रहा। 

स्ट्रगल में फैमिली का सपोर्ट जरूरी

वेद प्रकाश कहते हैं कि स्ट्रगल में फैमिली का सपोर्ट बहुत जरूरी है। यदि ऐसे समय में फैमिली सपोर्ट करना छोड़ दे तो बहुत मुश्किल हो जाता है। डिमोटिवेट होने पर ​फैमिली से बात करनी चाहिए। उससे आप मोटिवेट होते हैं। जब आप अपना लक्ष्य चुनते हैं तो उसकी कुछ वजह होती है। वहीं आपका सबसे बड़ा मोटिवेशन होता है। उन्होंने मुश्किलों से हार नहीं मानी। विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपने को पूरा करने के लिए लगे रहें और यूपी पीसीएस 2021 में सफल होकर कीर्तिमान रच दिया। 

ये भी पढें-Exclusive: क्यों कर रही ये काम, पागल हो...ऐसे-ऐसे सवाल, अब महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर-बच्चों को एजूकेशन

click me!