हिंदी बैकग्राउंड के चलते शुरू में MNC में नहीं मिली जॉब, फिर CEO तक बनें, अब 20000 करोड़ की कंपनी

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Dec 05, 2023, 12:38 PM ISTUpdated : Dec 06, 2023, 01:06 PM IST
हिंदी बैकग्राउंड के चलते शुरू में MNC में नहीं मिली जॉब, फिर CEO तक बनें, अब 20000 करोड़ की कंपनी

सार

विनोद सर्राफ का प्रोफेशनल कॅरियर उड़ानों भरा रहा। 38 साल की उम्र में उन्होंने खुद का बिजनेस शुरु करने का फैसला किया। साल 1989 में आइसोबुटिल बेंजीन बनाने वाली कंपनी की शुरुआत की। यह इबुप्रोफेन पेन रिलीफ मेडिसीन बनाने में यूज होता है। देखते ही देखते विनती आर्गेनिक्स के बिजनेस ने रफ्तार पकड़ ली।

नयी दिल्ली। भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक विनोद सर्राफ बिजनेस के प्रति जुनून के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म हुआ। परिवारिक बैकग्राउंड व्यावसायिक था। इसलिए बचपन से ही पढ़ाई में तेज विनोद ने कॉरपोरेट वर्ल्ड में ऊंचा मुकाम हासिल करने के बाद सीईओ जैसी जॉब छोड़ी और खुद की कम्पनी खड़ी कर दी। आज 20,000 करोड़ की कम्पनी के मालिक हैं।

19 साल की उम्र में बिट्स पिलानी से एमबीए

विनोद सराफ 7 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं। ठीक वैसा ही विनोद के साथ भी हुआ। उन्होंने सिर्फ 17 साल की उम्र में ग्रेजुएशन और 19 साल की उम्र में बिट्स पिलानी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। उस दरम्यान उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। फिर कॉरपोरेट सेक्टर में कदम रखा। पर उनकी पढ़ाइ का बैकग्राउंड हिंदी था। इसकी वजह से प्रोफेशनल लाइफ के शुरुआती दिनों में मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब पाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 

आदित्य बिड़ला के साथ काम

रिपोर्ट्स के अनुसार, विनोद सराफ ने अपने कॅरियर के करीबन 10 साल तक टेक्सटाइल कंपनियों में काम किया। बिजनेस वर्ल्ड का अनुभव हासिल किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। विनोद को बिड़ला कंपनी में नौकरी मिली। उन्होंने कुमार बिड़ला के दिवंगत पिता आदित्य बिड़ला के साथ काम किया। उनक गाइडेंस में मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के एमएडी बने। विनोद सराफ ने ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मॉर्डन सिंटेक्स और भीलवाड़ा ग्रुप में भी प्रमुख पदों पर रहकर काम किया। सीईओ तक का सफर तय किया। कॉरपोरेट वर्ल्ड के शिखर तक पहुंचे।

1989 में शुरु की विनती आर्गेनिक्स

विनोद सर्राफ का प्रोफेशनल कॅरियर उड़ानों भरा रहा। 38 साल की उम्र में उन्होंने खुद का बिजनेस शुरु करने का फैसला किया। साल 1989 में आइसोबुटिल बेंजीन बनाने वाली कंपनी की शुरुआत की। यह इबुप्रोफेन पेन रिलीफ मेडिसीन बनाने में यूज होता है। देखते ही देखते विनती आर्गेनिक्स के बिजनेस ने रफ्तार पकड़ ली। यह कंपनी विनोद सर्राफ की बेटी विनती सर्राफ के नाम पर है। मौजूदा समय में वही इस कंपनी की एमडी और सीईओ हैं। आज विनती आर्गेनिक्स इबुप्रोफेन बनाने वाले दुनिया के सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है। उनकी बड़ी बेटी विनती मुटरेजा व्हार्टन से ग्रेजुएट हैं।

फोर्ब्स 2022 में अमीर लोगों की सूची में 96वां स्थान

विनोद सर्राफ भारत के नये अरबपतियों ( मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला, आनंद महिंद्रा और अन्य लोगों के साथ) की लिस्ट में भी शामिल हुए थे। फोर्ब्स के अनुसार उनकी कंपनी का मार्केट कैपिटल लगभग 20,014 करोड़ रुपये और कुल संपत्ति लगभग 15,000 करोड़ रुपये (1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक है। उन्हें साल 2019 में HURUN इंडिया सेल्फमेड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर पुरस्कार से भी नवाजा गया था। फोर्ब्स इंडिया 2022 में वह देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 96वें नम्बर पर थे। 2023 की ग्लोबल बिलिनियर लिस्ट में 1647वें पायदान पर हैं।
 

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