रेस्टोरेंट बंद, घर बिका: कैसे खड़ी कर दी 1000 करोड़ की कंपनी?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jan 11, 2025, 10:18 AM IST

जानिए वीबा फूड्स के फाउंडर विराज बहल की इंस्पिरेशनल स्टोरी। रेस्टोरेंट की असफलता और घर बेचने की नौबत के बाद भी उन्होंने अपने सपनों को साकार कर 1000 करोड़ की कंपनी खड़ी की।

नई दिल्ली। जीवन में कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया। लेकिन वास्तव में, ये मुश्किल समय हमें एक नई शुरुआत का मौका देते हैं। वीबा फूड्स के संस्थापक विराज बहल के साथ भी ऐसा ही हुआ। रेस्टारेंट का बिजनेस बंद हो गया। घर तक बिक गया। ​पर उन्होंने हार नहीं मानी। आज वह 1000 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। आइए जानते हैं कि कैसे उन्होंने चैलेंजेज को अर्पाच्युनिटी में बदला।

कौन हैं विराज बहल?

विराज बहल एक सक्सेसफुल भारतीय बिजनेसमैन हैं। वह वीबा फूड्स के फाउंडर हैं। उनकी कंपनी के प्रोडक्ट्स जैसे मेयोनेज़, सॉस, और डिप्स, भारत के लगभग हर घर के फ्रिज में मौजूद हैं। लेकिन उन्हेंं रातोंरात यह सफलता नहीं मिली। यह एक लंबी जर्नी थी, जिसमें उन्होंने कई बार फेलियर का सामना किया।

विराज बहल बैकग्राउंड

विराज बहल की लाइफ में उनके पिता राजीव बहल का बड़ा प्रभाव पड़ा। उनके पिता एक फूड प्रोसेसिंग कंपनी “फन फूड्स” चलाते थे। विराज बचपन में अक्सर अपने पिता की फैक्ट्री में जाते और फूड इंडस्ट्री की बारीकियों को नजदीक से देखते थे। उनकी पहली नौकरी दिल्ली के व्यापार मेले में “फन फूड्स” के स्टॉल पर लगी। यहीं से फूड इंडस्ट्री में उनका इंटरेस्ट बढ़ा। 

विराज बहल एजूकेशन

विराज ने मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इस फील्ड में नौकरी भी की। लेकिन उनका मन हमेशा बिजनेस में ही रमता था। उनके पिता चाहते थे कि विराज पहले आर्थिक रूप से मजबूत हो जाएं, इसलिए उन्होंने विराज को कुछ समय नौकरी करने की सलाह दी। 2002 में विराज ने अपने पिता की कंपनी फन फूड्स के साथ काम करना शुरू किया। यह कंपनी मेयोनेज़ और सॉस जैसे प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती थी। विराज के नेतृत्व में कंपनी ने खूब तरक्की की।

बिक गया “फन फूड्स”, लगा बड़ा झटका

2008 में, कुछ आर्थिक परिस्थितियों के कारण, राजीव बहल को “फन फूड्स” को जर्मन कंपनी डॉ. ओटेकर को 110 करोड़ रुपये में बेचना पड़ा। विराज इस फैसले से खुश नहीं थे, लेकिन परिवार के हित में उन्होंने इसे स्वीकार किया। फन फूड्स को बेचने के बाद विराज अपने दम पर कुछ नया करना चाहते थे।

रेस्टोरेंट बिजनेस में फेलियर

फन फूड्स से अलग होने के बाद, विराज ने 2009 में “पॉकेट फुल” नाम से एक रेस्टोरेंट चेन शुरू की। यह एक फास्ट-फूड चेन थी, जिसकी शुरुआत उन्होंने 1 रेस्टोरेंट से की और धीरे-धीरे 6 आउटलेट खोल लिए। लेकिन उनका यह वेंचर असफल हो गया। 2013 तक सभी रेस्टोरेंट्स को बंद करना पड़ा। इस फेलियर ने उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

वीबा फूड्स की शुरुआत

2013 में, विराज बहल ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक नई कंपनी शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने इसे नाम दिया “वीबा फूड्स”, जो उनकी मां विभा बहल के नाम पर रखा गया। नए बिजनेस को शुरू करने के लिए विराज को पैसों की जरूरत थी। उसके लिए विराज बहल ने अपना घर बेचने का फैसला किया। वीबा फूड्स की पहली फैक्ट्री राजस्थान के नीमराणा में शुरू हुई। विराज ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में अपने एक्सपीरियंस का यूज किया और हाई क्वालिटी वाले सॉस और डिप्स बनाने शुरू किए। आज वीबा फूड्स भारत की सबसे सफल फूड प्रोसेसिंग कंपनियों में से एक है। 2023-24 में इसका रेवेन्यू 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

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