उम्र महज 22 साल लेकिन हैं अरबपति, ई़डी ने भेज दिया कांग्रेस नेता की बेटी को नोटिस

By Team MyNationFirst Published Sep 11, 2019, 3:11 PM IST
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कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी.के.शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या की उम्र महज 22 साल है। लेकिन उनके नाम पर अरबों रुपए की संपत्ति है। साल 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में शिवकुमार ने अपनी बेटी के पास 108 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा किया था। इसी वजह से प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें नोटिस जारी किया है। 
 

बेंगलुरु: पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में मौजूद कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी.के.शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या भी अब ईडी अधिकारियों के निशाने पर आ गई है। उन्हें मनी लांड्रिंग के मामले में नोटिस भेजा गया है। क्योंकि ऐसी आशंका है कि डी.के. शिवकुमार ने अपनी बेटी  के नाम से करोड़ो रुपए की संपत्तियों में निवेश किया है। 

साल 2018 के चुनावी घोषणापत्र में शिवकुमार ने अपने पास 618 करोड़ और अपनी बेटी के पास 108 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा किया था। खास बात यह है कि साल 2103 के चुनावी घोषणा पत्र में ऐश्वर्या की संपत्ति 1.1 करोड़ दिखाई थी। अब ईडी इस बात की जांच करेगी कि मात्र 5 सालों में उनकी संपत्ति में 100 गुना से ज्यादा इजाफा कैसे हो गया। 

डी.के.शिवकुमार फिलहाल 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में हैं और उनकी बेटी ऐश्वर्या को ईडी ने नोटिस भेजा है। 

ऐश्वर्या ना केवल अपने पिता के ग्लोबल एकेडमी ऑफ टेक्नोलॉजी में ट्रस्टी हैं बल्कि उनके पास बेंगलुरु के बेलंदूर में सोल स्पेस स्प्रिट मॉल में 76 करोड़ की बिल्ड अप एरिया संपत्ति भी है। ईडी उनके इसी बेहिसाब संपत्तियों की जांच करने में लगी हुई है। 

उधर डी.के.शिवकुमार पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसने के बाद उनके समर्थकों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया है। 

Karnataka: Members of the Vokkaliga Sangha protest in Bengaluru against Congress leader DK Shivakumar's arrest by Enforcement Directorate (ED). Shivakumar belongs to the Vokkaliga community. pic.twitter.com/lPH9t0YP7U

— ANI (@ANI)

डी.के.शिवकुमार तब से आयकर और प्रवर्तन निदेशालय की निगाहों में हैं, जब नई दिल्ली के उनके आवास पर छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को 8.59 करोड़ के नकदी जब्त की थी।

इसके बाद आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके सहयोगियों के खिलाफ आयकर अधिनियम-1961 की धारा-277 और 278 के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-120 (बी), 193 और 199 के तहत भी मामले दर्ज किए थे।

 

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