देशद्रोह के आरोपी कन्हैया को ‘आप’ की सरकार ने दी क्लीन चिट

By Team MyNation  |  First Published Sep 6, 2019, 8:31 AM IST

कन्हैया कुमार और अन्य नौ लोगों के खिलाफ साल 2016 में विश्वविद्यालय कैंपस में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस साल जनवरी इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और दिल्ली सरकार से इस लोगों पर मुकदमे दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इन लोगों को क्लीन चिट देते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज न करने का आदेश दिया है। 

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 9 लोगों के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने कन्हैया कुमार और इन 9 लोगों को इस मामले मे क्लीन चिट दे दी है।

कन्हैया कुमार और अन्य नौ लोगों के खिलाफ साल 2016 में विश्वविद्यालय कैंपस में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस साल जनवरी इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और दिल्ली सरकार से इस लोगों पर मुकदमे दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।

लेकिन मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इन लोगों को क्लीन चिट देते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज न करने का आदेश दिया है। असल में विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें कन्हैया कुमार और उनके साथियों ने भारत तेरे टुकड़े टुकड़े होंगे के नारे लगाए थे।

इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद देशभर में हंगामा हुआ था और छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में कन्हैया कुमार को जमानत मिल गई थी। वहीं इस बार लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार ने बिहार से चुनाव भी लड़ा था।

लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। इस बारे में दिल्ली सरकार का कहना है कि देशद्रोह और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छोड़ने जैसे मामले में कोर्ट पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकती है। लिहाजा इस तरह के मुकदमें चलाने के लिए उसे संबंधित राज्य गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है। जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जाती है।

हालांकि इस मामले में पूरा फैसला कोर्ट पर निर्भर करता है और साक्ष्य के आधार पर सरकार को मंजूरी देना का आदेश दे सकता है या फिर स्वत संज्ञान कर मुकदमें को चला सकता है। हालांकि दिल्ली पुलिस सबूतों के साथ की साक्ष्य चार्जशीट में दे चुकी है।

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