कश्मीर में किसी बड़े मिशन की तैयारी में केन्द्र, डोवल के दौरे के बाद मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

By Team MyNation  |  First Published Jul 27, 2019, 8:25 AM IST

अजीत डोवल घाटी के दौरे से दिल्ली लौट आए हैं। लेकिन उनके लौटते ही घाटी में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती कर दी गयी है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है। लिहाजा इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि घाटी में सरकार ने किसी बड़े मिशन को शुरू करने का इरादा कर लिया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल के कश्मीर दौरे के महज कुछ ही घंटों में कश्मीर में 10 हजार सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती कर दी गयी है। ऐसा माना जा रहा कि जल्द ही कश्मीर में किसी बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया जा सकता है। क्योंकि आमतौर पर डोवल के सीक्रेट दौरों के बाद किसी न किसी मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। एनएसए के कश्मीर मिशन में जाने के बाद अनुच्छेद 35ए व 370 को हटाए जाने को लेकर अटकलें तेज हो गईं। 

अजीत डोवल घाटी के दौरे से दिल्ली लौट आए हैं। लेकिन उनके लौटते ही घाटी में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती कर दी गयी है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है। लिहाजा इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि घाटी में सरकार ने किसी बड़े मिशन को शुरू करने का इरादा कर लिया है। ये कंपनियां जल्द ही घाटी में पहुंचेंगी।

घाटी में 100 कंपनियों को भेजने का आदेश दिया गया है उसके मुताबिक उसमें 50 सीआरपीएफ, 10  बीएसएफ-10, 30 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां शामिल हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार की रात को ही अजीत डोवल वापस  दिल्ली पहुंचे हैं। वह जम्मू कश्मीर गए थे और इसके बारे में कुछ अफसरों के अलावा किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी।

यही नहीं डोवल के साथ आईबी का एक अफसर भी कश्मीर उनके साथ गया था। लिहाजा इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि केन्द्र सरकार किसी बड़ी कार्यवाही को शुरू करने की तैयारी में है। लिहाजा जिसके लिए ग्राउंड़ पर रणनीति बनाने के लिए मोदी सरकार के सबसे अहम रणनीतिकार अजीत डोवल को घाटी में भेजा गया था।

लेकिन इसके बाद 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बलों को घाटी में भेजना इस बात के संकेत है कि केन्द्र सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि चर्चा ये भी है कि केन्द्र सरकार अमरनाथ यात्रा के बाद राज्य में अनुच्छेद 35 ए को समाप्त कर सकती है।

जिसके बाद राज्य में विरोध होना शुरू होगा और अलगावादी और स्थानीय राजनैतिक दल इसे बड़ा मुद्दा बनाएंगे। अनुच्छेद 35ए के लिए संसद की मंजूरी जरूरी नहीं है। इसे राष्ट्रपति के आदेश पर समाप्त किया जा सकता है। क्योंकि इसे राष्ट्रपति के आदेश पर ही लागू किया गया था।

क्या है अनुच्छेद 35 ए

इस अनुच्छेद के कारण देश के अन्य हिस्से के लोग कश्मीर में संपत्ति  अचल संपत्ति खरीद नहीं सकते हैं और न ही वह स्थायी तौर पर रह सकते हैं। उसे राज्य सरकार के किसी विभाग में नौकरी भी नहीं मिल सकती है। अगर केन्द्र सरकार इस अनुच्छेद को खत्म करती है तो कश्मीर में अन्य लोगों को नौकरी तो मिलेंगी ही वहां पर वह जमीन भी खरीद सकेंगे।

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