कर्नल रैंक का यह अधिकारी तीन साल से एलीट मैकेनाइज्ड इंफैंट्री रेजीमेंट की बटालियन का नेतृत्व कर रहा था। यह रेजीमेंट जोधपुर-जैसलमेर के रेतीले इलाके में तैनात है।
एक जूनियर अधिकारी की पत्नी के आत्महत्या कर लेने के बाद सेना ने उक्त मैकेनाइज्ड यूनिट के कमांडिग अधिकारी को जिम्मेदारी से हटा दिया।
कर्नल रैंक का यह अधिकारी तीन साल से एलीट मैकेनाइज्ड इंफैंट्री रेजीमेंट की बटालियन का नेतृत्व कर रहा था। यह रेजीमेंट जोधपुर-जैसलमेर के रेतीले इलाके में तैनात है।
सेना के सूत्रों ने 'माय नेशन' को खबर की पुष्टि करते हुए बताया, अधिकारी का कमांड से हटा दिया गया है। उनकी जगह दूसरे अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब जिस अधिकारी को यह जिम्मा दिया गया वह रेजीमेंट की दूसरी बटालियन की कमान संभाल रहे हैं।
इस मामले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी के आत्महत्या कर लिए जाने के बाद यूनिट की कमान संभाल रहे कर्नल को हटा दिया गया।
सूत्रों ने कहा, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर को हटाए जाने का अधिकारी की पत्नी की आत्महत्या से कोई सीधा संबंध है या नहीं।
सेना में आमतौर पर किसी भी यूनिट में होने वाली घटना के लिए सीधे तौर पर कमांडिंग अधिकारी जिम्मेदार होते हैं। इसमें जूनियर अधिकारियों एवं जवानों की निजी गतिविधियां भी शामिल हैं।
उड़ी आतंकी हमले में जवानों की मौत के बाद दंड देते हुए कमांडिंग ऑफीसर और ब्रिगेड कमांडर को जिम्मेदारी से हटा दिया गया था। जबकि युद्ध क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उच्च अधिकारियों को मेडल प्रदान किए गए।