अरुणाचल प्रदेश सरकार में अपना विवादित स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र बिल को वापस ले लिया है। इस बिल के तहत राज्य के बाहर के छह समुदायों को स्थायी निवासी मान लिया जाना था।
अरुणाचल प्रदेश सरकार में अपना विवादित स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र बिल को वापस ले लिया है। इस बिल के तहत राज्य के बाहर के छह समुदायों को स्थायी निवासी मान लिया जाना था। लेकिन इस बिल के विरोध में राज्य में हुई जबरदस्त आगजनी के बाद राज्य सरकार ने इस वापस ले लिया है।
असल में रविवार की दोपहर करीब एक बजे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम चौने मेन के बंगले पर धावा बोल दिया और वहां आग लगा दी और इसके साथ ही वहां पर मौजूद गाड़ियों में आग लगा दी थी। वहां के मूल निवासी इन छह बाहरी समुदायों को राज्य की नागरिकता प्रमाण पत्र दिए जाने का जबरदस्त विरोध कर रहे थे। अरुणाचल प्रदेश सरकार ने नामसी और चांगलांग जिलों में रहने वाले छह समुदायों को पीआरसी देने के लिए संयुक्त उच्चाधिकार समिति की सिफारिशों को स्वीकार नहीं करने का आदेश पारित किया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार पीआरसी पर विधेयक नहीं ला रही है बल्कि नबाम रेबिया के नेतृत्व वाली संयुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट को केवल पेश किया गया है। स्थानीय समुदायों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री पेमा खांडू के घर के बाहर आईटीबीपी के जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। यही नहीं राज्य के कई जिलों में हिंसा की खबर आ रही थी। गुस्साये लोगों ने करीब 60 वाहनों में आग लगा दी थी।
गौरतलब है कि रविवार की दोपहर में ईटानगर में राज्य के बाहर के छह समुदायों को स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र देने के कारण अन्य समुदाय के लोगों ने उपमुख्यमंत्री के आवास को आग के हवाले कर दिया है। जानकारी के प्रदर्शनकारियों ने जिला आयुक्त के आवास पर भी आगजनी की है। राज्य के डिप्टी सीएम के बंगले पर प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया है। असल में ये छह समुदाय मूल रूप से राज्य के रहने वाले नहीं है। लिहाजा अन्य समुदाय उन्हें मूल निवासी का प्रमाण पत्र देने का विरोध कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब एक बजे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम चौने मेन के बंगले पर धावा बोल दिया और वहां आग लगा दी। इसके साथ ही डिप्टी सीएम की एक गाड़ी को भी प्रदर्शनकारियों ने जला दिया है। हालांकि इस मौके पर डिप्टी सीएम अपने बंगले में नहीं थे। वहीं राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री नबाम रेबिया के घर पर भी आग लगाए जाने की खबर मिल मिल रही है।
नबाम रेबिया पीआरसी जॉइंट पॉवर हाई कमेटी के चेयरमैन भी हैं। राज्य मे इस समुदाय के बढ़ते विरोध और दबाव के कारण डिप्टी सीएम को ईटानगर से नामसाई जिले में शिफ्ट किया गया। जिसके कारण उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। गौरतलब है कि शुक्रवार को विरोध कर रहे व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद ईटानगर में तनाव बढ़ गया है। राज्य के बिगड़ते हुए हालत को देखते हुए आईटीबीपी के जवान लगातार पैट्रोलिंग कर रहे हैं ताकि राज्य मे कानून व्यवस्था बनी रहे।