कोरोना योद्धा पर किया हमला तो यूपी में होगी सात साल तक की सजा, पांच लाख तक जुर्माना

By Team MyNation  |  First Published May 6, 2020, 8:06 PM IST

राज्य के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश -२०१० में बदलाव किया है और अब कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को छह महीने से लेकर सात साल तक की सजा हो सकी है और 50,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

लखनऊ। कोरोना योद्धा को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मौजूदा महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन कर इसे और ज्यादा सख्त बना दिया है। अब कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को 7 साल की जेल हो गी और उन्हें 5 लाख का जुर्माना भरना होगा। इसके लिए योगी सरकार ने अध्यादेश लाकर बदलाव किया है।

राज्य के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश -२०१० में बदलाव किया है और अब कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को छह महीने से लेकर सात साल तक की सजा हो सकी है और 50,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पैरामेडिकल कर्मी, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मचारी और साथ ही सरकार द्वारा तैनात किए कोई भी अफसर या कर्मचारी हो सकता है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि नए अध्यादेश में उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है, जो कोरोना योद्धाओं पर थूकने का अपराध करते हैं और क्वारंटिन में मानदंडों का उल्लंघन उन पर गंदगी फेंकते हैं। यही नहीं इस कानून के तहत उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान हैं जो लोगों को हमला करने या दुर्व्यवहार करने के लिए उकसाएंगे और ऐसे लोगों को इस कानून के तहत दो से पांच साल की कैद और 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है।

यही नहीं किसी भी कोरोना योद्धा पर अश्लील टिप्पणी या अश्लीलता करने के लिए तीन साल तक की जेल की सजा का प्रावधान इस कानून के तहत है। इस प्रावधान में अपराधी पर थप्पड़ मारने के लिए 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव सहित सात अन्य सदस्यों के साथ सीएम की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण का भी गठन किया जाएगा।

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