मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है, 1994 के फैसले पर फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इनकार कर दिया है।
अब तीन जजों की पीठ टाइटल सूट के तहत जमीन विवाद के तौर पर सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच ने फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या जमीन विवाद पर 29 अक्टूबर से सुनवाई शुरू करेगा। कोर्ट के इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने फैसले का स्वागत किया है।
Supreme Court has decided to hold hearing on the Shri Rama Janmabhumi case from 29th Oct '18 by a 3 member bench. We welcome this decision and are confident that a just verdict will be reached over the case at the earliest: RSS pic.twitter.com/UuQze1rh3N
— ANI (@ANI)इस फैसले पर एआईएमआईएम के नेता असद्दुदीन ओवैसी ने कहा है कि बेहतर होता अगर यह मामला संवैधानिक पीठ को ट्रांसफर किया जाता है। इस फैसले को धर्मनिरपेक्षता के दुश्मन अपने विचाराधारात्मक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करेंगे।
It would have been better if this issue was referred to Constitutional bench. Also, I have an apprehension that the enemies of secularism in this country will use this judgment to realize their ideological objectives: Asaduddin Owaisi on Ayodhya matter (Ismail Faruqui case) pic.twitter.com/1iWetCIBce
— ANI (@ANI)
बता दें कि इस्माइल फारूकी के मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है, वाले फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी जिसपर आई रिव्यू पीटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेजने से इनकार कर दिया। तीन जजों की बेंच ने ये फैसला किया। हालांकि एक जज न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर इसके पक्ष में नहीं थे। ऐसे में यह फैसला बहुमत के आधार पर हुआ। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा है कि "मेजॉरिटी जजमेंट मेजॉरिटी को खुश करेगा और माइनॉरिटी जजमेंट माइनॉरिटी को खुश करेगा"
Majority judgement will please majority,minority judgement will please minority.Very problem we started off with hasn't been resolved.Not about arithmetic,but of convincing everybody that SC should've spoken in 1voice: Rajiv Dhawan, Petitioner's counsel in Ayodhya title suit case pic.twitter.com/e94PVmab1K
— ANI (@ANI)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर जल्द से जल्द फैसला देश के हित में है।
It is for country's benefit that the dispute associated with Sri Ramchandra Bhoomi gets resolved at the earliest. Majority of this nation wants a solution to this at the earliest. We appeal that this matter be resolved as soon as possible: UP CM Yogi Adityanath on pic.twitter.com/w6gPixH8ud
— ANI UP (@ANINewsUP)