भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका, अब ये संस्थान हुआ कांग्रेसमुक्त

By Team MyNation  |  First Published Nov 7, 2019, 8:31 AM IST

असल में भारत सरकार ने इस सोसाइटी का पुनर्गठन किया है। जिसमें पहले से तीन सदस्य और कांग्रेस के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाकर इन लोगों को शामिल किया है। ये तीनों भाजपा समर्थक माने जाते हैं। लिहाजा कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है कि सरकार ने साजिश के तहत कांग्रेस के नेताओं को इस सोसाइटी से बाहर किया है। जबकि इसमें सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों से लोगों को रखना चाहिए था।

नई दिल्ली। महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विरासत को संभालने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी अब नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय सोसाइटी से ही कांग्रेस मुक्त हो गई है। सरकार ने इसमें शामित तीन कांग्रेस के नेताओं को हटाकर रजत शर्मा, प्रसून जोशी और अनिर्बान गांगुली को शामिल किया है। लिहाजा अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है।

असल में भारत सरकार ने इस सोसाइटी का पुनर्गठन किया है। जिसमें पहले से तीन सदस्य और कांग्रेस के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाकर इन लोगों को शामिल किया है। ये तीनों भाजपा समर्थक माने जाते हैं। लिहाजा कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है कि सरकार ने साजिश के तहत कांग्रेस के नेताओं को इस सोसाइटी से बाहर किया है। जबकि इसमें सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों से लोगों को रखना चाहिए था।

लेकिन भाजपा अपना एजेंडा चलाने के लिए अपने सदस्यों नियुक्त कर रही है। देश की आजादी के बाद देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इस कोठी में रहते थे और बाद में उनके निधन के बाद कांग्रेस ने इसे संग्रहालय बना दिया है। अब भाजपा का कहना है कि इसे केवल जवाहरलाल नेहरू का संग्रहालय न बनाकर सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को संग्रहालय बना दिया जाए। हालांकि इसका कांग्रेस विरोध कर रही है।
फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने केन्द्र सरकार के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जबकि पूर्व सांसद कर्ण सिंह ने भी इस पर पक्षपाती फैसला करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि जयराम रमेश भी एक प्रखर विद्वान हैं और उनको इससे नहीं हटाया जाना चाहिए था। फिलहाल इस पुनर्गठित सोसायटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उपाध्यक्ष के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को शामिल किया गया है। सोसाइटी के 28 सदस्य हैं। इस सोसाइटी के सभी सदस्यों का कार्यकाल पांच साल का होगा।

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