दोनों भोजपुरी सुपर स्टार बड़ा बदलाव कर सकते हैं। पार्टी को गोरखपुर सीट में पिछले लोकसभा चुनाव में सफलता तो मिली लेकिन उपचुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा था जबकि आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी अपना किला बचाने में सफल रही। वहीं दिल्ली में भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली से एक बार फिर ताल ठोक रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में तिवारी ने जीत हासिल की थी। फिलहाल मौजूदा दौर में इन तीन भोजपुरी अभिनेताओं को सुपर स्टार माना जाता है।
लोकसभा चुनाव जारी हैं और देश में तीन चरण के मतदान हो चुके हैं। हर पार्टी खेलकूद से लेकर फिल्म उदयोग के लोगों को टिकट दे रही हैं। लेकिन बीजेपी इस मामले में सबसे आगे है। खासतौर से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल को लेकर बीजेपी ने भोजपुरी फिल्म स्टार और गायकों को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने जहां दिल्ली में मनोज तिवारी को टिकट दिया है वहीं यूपी के गोरखपुर से रविकिशन और आजमगढ़ से दिनेश यादव निरहुआ को उतारा है।
हालांकि बीजेपी ने केवल भोजपुरी के सुपर स्टारों को ही चुनावी रण में नहीं उतारा है बल्कि उसने बालीवुड के फिल्म स्टारों को भी टिकट दिया है। पार्टी ने मथुरा में हेमा मालिनी और रामपुर से जयाप्रदा को टिकट दिया है। फिलहाल अभी सबकी नजर आजमगढ़ और गोरखपुर पर लगी है जहां ये दोनों भोजपुरी सुपर स्टार बड़ा बदलाव कर सकते हैं। पार्टी को गोरखपुर सीट में पिछले लोकसभा चुनाव में सफलता तो मिली लेकिन उपचुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा था जबकि आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी अपना किला बचाने में सफल रही।
वहीं दिल्ली में भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली से एक बार फिर ताल ठोक रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में तिवारी ने जीत हासिल की थी। फिलहाल मौजूदा दौर में इन तीन भोजपुरी अभिनेताओं को सुपर स्टार माना जाता है। मनोज तिवारी ने समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी और 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट से गोरखपुर से चुनाव लड़ा था। लेकिन वह जीतने में सफल नहीं हुए और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ा।
फिलहाल कभी कांग्रेस के टिकट से पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले रविकिशन इस बार फिर राजनैतिक अखाड़े में हैं। बीजेपी ने जौनपुर निवासी रवि किशन को मैदान में उतारा है। राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में रविकिशन ने बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ाई और इसका ईनाम बीजेपी ने उन्हें गोरखपुर सीट से प्रत्याशी बनाकर दिया। पूर्वी उप्र व बिहार के लोगों के दिलों में जगह बना चुके दिनेश लाल यादव निरहुआ भी इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव के मैदान में हैं। वह आजमगढ़ से समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। निरहुआ को कभी अखिलेश का प्रशंसक माना जाता था और अखिलेश सरकार में भी उन्हें यश भारती पुरस्कार मिला था।