केन्द्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कोरोना से मौत पर जवानों को मिलेगा शहीद का दर्जा

By Team MyNation  |  First Published Jul 21, 2020, 9:27 AM IST

फिलहाल कोरोना शहीदों का ब्योरा भारत के वीर पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है ताकि उनके परिजनों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जा जा सके। इस पोर्टल पर परिजनों को मदद देने के लिए उनके बैंक के खाते की जानकारी और अन्य जानकारी दी जा रही है ताकि भारत के वीर कार्पस फंड में भी योगदान दिया जा सकता है।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए बड़ा फैसला लिया है। केन्द्र सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण से मरने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को कोरोना शहीद का दर्जा देने का फैसला किया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले के तहत अब शहीदों के परिजनों को भारत के वीर फंड से 15 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी। सुरक्षा बलों की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को गृह मंत्रालय से सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है और अब इस पर जल्द ही आदेश जारी होंगे।

फिलहाल कोरोना शहीदों का ब्योरा भारत के वीर पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है ताकि उनके परिजनों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जा जा सके। इस पोर्टल पर परिजनों को मदद देने के लिए उनके बैंक के खाते की जानकारी और अन्य जानकारी दी जा रही है ताकि भारत के वीर कार्पस फंड में भी योगदान दिया जा सकता है। असल में शहीद परिवारों की मदद के लिए भारत के वीर फंड की शुरुआत 2017 में की गई थी। इसका मकसद शहीद जवानों के परिवारों के लिए पैसा जुटाना था और इसके लिए केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने पोर्टल भी बनाया था।

इस पोर्टल पर शहीद जवानों का ब्योरा होता है और इसके जरिए शहीद के परिवार की सीधे मदद की जा सकती है। भारत के वीर फंड में डोनेशन भी दिया जा सकता है और इसके लिए ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा सकता है। फिलहाल सैनिक और सुरक्षा बलों के जवानों को कोरोना संकटकाल में कोरोना योद्धा माना गया है और ड्यूटी पर संक्रमण से मृत्यु को शहादत मानते हुए उन्हें कोरोना शहीद का दर्जा दिया गया है। ताकि भारत के वीर फंड के तहत परिजनों को अतिरिक्त आर्थिक मदद मिल सके।


2017 में हुई थी फंड की स्थापना

केन्द्र सरकार के आदेश के बाद भारत के वीर फंड की शुरुआत 2017 में हुई थी और उसी साल फंड में कुल 6.40 करोड़ रुपये जमा हुए था इसके बाद 2018 में 19.43 करोड़ रुपये जमा हुए थे। लेकिन 2019 में पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों की मदद के लिए पूरा देश खड़ा हो गया था और इस दौरान फंड में करीब 250 करोड़ रुपए एकत्र हुए थे। 

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