कांग्रेस के पायलट कभी राजस्थान में बनने वाले थे 'सिंधिया', अब सिंधिया के गढ़ में करेंगे कांग्रेस का प्रचार

By Team MyNation  |  First Published Sep 21, 2020, 11:56 AM IST

असल में राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस अभी  तक  सोशल मीडिया में ही सक्रिय है और जबकि  भाजपा जमीन पर जाकर काम करने में जुटी है।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने हैं और इन चुनावों में कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट चुनाव प्रचार करेंगे। राज्य में सचिन पायलट कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ प्रचार करेंगे। कांग्रेस की रणनीति के तहत पायलट को सिंधिया के गढ़ में उतारा जाएगा।  फिलहाल बताया जा रहा है कि एमपी में प्रचार के लिए सचिन पायलट ने सहमति दे दी है। 

असल में राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस अभी  तक  सोशल मीडिया में ही सक्रिय है और जबकि  भाजपा जमीन पर जाकर काम करने में जुटी है।  बताया जा रहा है कि राज्य में पूरा चुनाव प्रचार कांग्रेस नेता और प्रदेश  अध्यक्ष कमलनाथ के जिम्मे है।  वहीं राज्य  में  कांग्रेस के लिए ये चुनाव काफी अहम है क्योंकि पार्टी इसके जरिए सत्ता में वापसी कर सकती है। अगर वह सभी सीटों पर जीत दर्ज करती है।

वहीं राज्य में होने वाले चुनाव में राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। इसके लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाई है और इसके तहत अधिकांश सीटों  पर सचिन पायलट प्रचार करेंगे।  पायलट ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर-चंबल में हैं। जबकि पायलट और सिंधिया को करीबी माना जाता है। कुछ समय पहले सिंधिया ने कांग्रेस  से बगावत कर भाजपा का दामन थामा था।

इसके बाद सिंधिया अब बीजेपी से राज्यसभा सदस्य हैं और इन उपचुनावों में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस से  बगावत करने के बाद उनसे साथ 22 विधायकों इस्तीफे दे दिए थे। जिसके बाद राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई  थी। राज्य की कुल 230 सदस्यों वाली एमपी विधानसभा की 28 सीटें खाली हैं और इन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं।  इनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने से खाली हुई हैं। असल में राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव में से 16 विधानसभा सीट ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हैं और यहां भारी तादात में गुर्जर मतदाता हैं।
 

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