अरब सागर में चक्रवाती तूफान, महाराष्ट्र और गुजरात में रेड अलर्ट

Published : Jun 01, 2020, 12:11 PM IST
अरब सागर में चक्रवाती तूफान, महाराष्ट्र और गुजरात में रेड अलर्ट

सार

आईएमडी के साइक्लोन वार्निंग डिवीजन ने कहा, "कम दबाव वर्तमान में पूर्व-मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप द्वीप समूह पर है। अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान होने की संभावना है। लिहाजा मछुआरे समुद्र की तरफ रूख न करें। चक्रवात का कम दबाव अरब सागर में बन रहा है और इसके बाद ये चक्रवाती तूफान में विकसित हो सकता है। 

नई दिल्ली।  पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाने के बाद अब गुजरात और महाराष्ट्र में चक्रवाती तूफान दस्तक दे रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने अरब सागर में उठ रहे चक्रवाती तूफान के मद्देनजर तटीय महाराष्ट्र और गुजरात में रेड अलर्ट जारी की है।  मौसम विभाग का कहना है कि 4 जून के आसपास इन दोनों राज्यों के तट पर टकरा सकता है। फिलहाल उत्तरी और दक्षिण गुजरात तटों पर अरब सागर में जाने वाले मछुआरों को वापस लौटने के लिए कह दिया गया है और उन्हें 4 जून तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

आईएमडी के साइक्लोन वार्निंग डिवीजन ने कहा, "कम दबाव वर्तमान में पूर्व-मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप द्वीप समूह पर है। अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान होने की संभावना है। लिहाजा मछुआरे समुद्र की तरफ रूख न करें। चक्रवात का कम दबाव अरब सागर में बन रहा है और इसके बाद ये चक्रवाती तूफान में विकसित हो सकता है। इसके 2 जून तक उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है और ये 3 जून के आसपास उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों तक पहुंच सकता है।

तूफान के कारण तटीय महाराष्ट्र और गुजरात में तेज हवाओं और बहुत भारी बारिश हो सकती है। वहीं आईएमडी ने एक जून के लिए केरल, तटीय कर्नाटक, गोवा और तटीय महाराष्ट्र के लिए अलर्ट जारी किया है। वहीं दो जून के लिए तटीय महाराष्ट्र और गोवा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही 3 जून के लिए तटीय महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात को ऑरेज अलर्ट जारी किया गया है।  राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख सती देवी ने कहा कि 4 जून को तटीय महाराष्ट्र, गोवा और पूरे गुजरात के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

चक्रवाती तूफान के 4 जून तक 110-100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की संभावना है। वहीं  2 जून को दक्षिण गुजरात तट पर हवा की रफ्तार 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। वहीं इसमें तेजी से बदलाव होगा और चक्रवात की रफ्तार के कारण तेज हवाएं चलेंगी। इसके साथ ही बारिश के कारण जनजीवन को नुकसान हो सकता है।
 

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