सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'मतदाताओं को उम्मीदवारों की संपत्ति के बारे में जानने का पूर्ण अधिकार नहीं'

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Apr 9, 2024, 3:33 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि चुनाव लड़ने वाले कैंडीडेटों की प्रत्येक सम्पत्ति का पूर्ण अधिकार मतदाताओं को नहीं है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि किसी भी उम्मीदवार की हर संपत्ति गहराई से जानने का मतदाताओं को अधिकार नहीं दिया जा सकता है। 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि चुनाव लड़ने वाले कैंडीडेटों की प्रत्येक सम्पत्ति का पूर्ण अधिकार मतदाताओं को नहीं है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा है कि किसी भी उम्मीदवार की हर संपत्ति गहराई से जानने का मतदाताओं को अधिकार नहीं दिया जा सकता है। 

दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, उम्मदीवारों को भी निजता का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि  किसी भी मतदाता के लिए किसी भी प्रत्याशी के निजी जीवन में गहराई से जाना पूर्ण अधिकार नहीं है। उम्मीदवार का प्रत्येक खुलासा ऐसी प्रकृति का होना चाहिए जो मतदान को प्रभावित करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि उम्मीदवारों को उन मामलों में निजता का अधिकार है जो सार्वजनिक पद की उम्मीदवारी के लिए अप्रासंगिक हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जीवनशैली की प्रत्येक वस्तु काे...तब सार्वजनिक करना जरूरी नहीं
पीठ ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि एक उम्मीदवार अपनी चल संपत्ति के प्रत्येक आइटम की घोषणा करे, जो उसके या उसके आश्रित परिवार के सदस्यों के पास है। जैसे कि कपड़े, जूते, क्रॉकरी, स्टेशनरी, फर्नीचर इत्यादि। जब तक कि वह इतने मूल्य का न हो कि उसे जोड़कर एक बड़ी संपत्ति बन जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि उनके व्यक्तित्व, व्यवहार और जीवनशैली को जानने की जरूरत है। इन सबका खुलासा होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश 2019 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेजू से निर्दलीय विधायक कारिखो क्रि के चुनाव को बरकरार रखने और गौहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने के साथ आया है।  जिसने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था। 


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