Electoral Bond Top Donor: आखिर कौन है राजनीतिक दलों पर बेइंतहा पैसा लुटाने वाले...जो मजदूर से बने लॉटरी किंग

By Surya Prakash TripathiFirst Published Mar 15, 2024, 9:54 AM IST
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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) की ओर से जारी की गई इलेक्टोरल बांड खरीदने वालों की सूची में सबसे ऊपर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का नाम है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच झेल चुकी इस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बांड खरीदा है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) की ओर से जारी की गई इलेक्टोरल बांड खरीदने वालों की सूची में सबसे ऊपर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का नाम है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच झेल चुकी इस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बांड खरीदा है। कंपनी के मालिक सेंटियागो मार्टिन को लॉटरी किंग के नाम से भी जाना जाता है। 

म्यांमार में 48 साल पहले मजदूर के रूप में की थी शुरुआत
एचटी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सेंटियागो मार्टिन के चैरिटेबल ट्रस्ट की वेबसाइट के माध्यम से बताया गया है कि उन्होंने म्यांमार के यांगोन में एक मजदूर के तौर पर अपने जीवन की शुरुआत की थी। वर्ष 1988 में वह भारत लौट कर आए और देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में लॉटरी का बिजनेस शुरू किया। जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की। तमिलनाडु से उन्होंने कर्नाटक और फिर केरल का रुख किया। वहां से होते हुए वह पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंच गए। पूर्वोत्तर में उन्होंने सरकारी लॉटरी की योजनाओं पर काम करना प्रारंभ कर दिया। इसके बाद वह काम को भारत से बाहर नेपाल और भूटान की ओर लेकर गए।

रियल एस्टेट, टैक्सटाइल्स एवं हॉस्पिटैलिटी में भी आजमाया हाथ
सेंटियागो मार्टिन ने लॉटरी के अलावा रियल एस्टेट, टेक्सटाइल्स, हॉस्पिटैलिटी और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में भी हाथ आजमाया और लाभ भी कमाया। वेबसाइट पर दिए गए आंकड़े के अनुसार सेंटियागो मार्टिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड एलाइंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष के पद पर भी हैं। यह संगठन भारत में लॉटरी के कारोबार को बेहतर बनाने और विश्वसनीयता को बढ़ाने पर काम करता है। उनके नेतृत्व में फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड वर्ल्ड लॉटरी संगठन की सदस्य बन गई। अब ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो के साथ सपोर्ट बैटिंग में भी विस्तार कर रही है।

6 साल में दे डाला सबसे ज्यादा दान, ED के है निशाने पर
वेबसाइट पर दिए गए आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2019 से 2024 के बीच में इस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बांड खरीद है। 2019 में ही इस कंपनी पर ED ने PMLA कानून के उल्लंघन के आरोपी को लेकर जांच की शुरुआत की थी। मई 2023 में कंपनी के कोयंबटूर और चेन्नई के ठिकानों पर ED ने रेट भी डाली थी।

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