फिलहाल केन्द्र सरकार के इस नियम से चीन को बड़ा धक्का लगा है। क्योंकि ड्रैगन साजिश कर माल के प्रोडक्शन को लेकर सही जानकारी नहीं देता है। कभी तो चीन दूसरे देश में उत्पादित माल बताता है। जबकि उनका उत्पादन चीन में होता है।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने साजिश करने वाले चीन की चाल को विफल करने के लिए एक नियम बना दिया है। इस नियम के तहत फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ऑन लाइन कंपनिंयों को ये बताना होगा कि जो उत्पाद वो बेच रहे हैं वह कहां बना है। केन्द्र सरकार का ये नया नियम 1 अगस्त से लागू होगा।
फिलहाल केन्द्र सरकार के इस नियम से चीन को बड़ा धक्का लगा है। क्योंकि ड्रैगन साजिश कर माल के प्रोडक्शन को लेकर सही जानकारी नहीं देता है। कभी तो चीन दूसरे देश में उत्पादित माल बताता है। जबकि उनका उत्पादन चीन में होता है। अब नए नियम सरकार फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी ई कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम के तहत हर प्रोडक्ट पर किस देश में बना इसकी जानकारी देनी होगी। डीपीआईआईटी ने ई कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि प्रॉडक्ट की जानकारी की जिम्मेदारी ईकामर्स कंपनियों की होगी और उन्हें उसका उत्पादन करने वाले देश का नाम बताना होगा।
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों ई कामर्स कंपनियों की सरकार के साथ बैठक हुई है। इस बैठक में इस बात के लिए सहमति बनी है कि ई कॉमर्स कंपनियों को 1 अगस्त से सरकार द्वारा तय डेडलाइन को लागू करेंगी। वहीं 1 अगस्त से जितने भी प्रॉडक्ट ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर बिकेंगे उस पर उत्पाद को बनाने वाले देश की जानकारी देनी होगी।
हालांकि ई कॉमर्स कंपनियों ने सरकार से इस फैसले के लिए और ज्यादा समय मांगा लेकिन चीन के साथ विवाद के बीच केन्द्र सरकार किसी भी तरह से राहत देने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि ई कामर्स कंपनियों में ज्यादातर उत्पाद चीन में निर्मित है,जबकि उसमें अन्य देशों का नाम दिया जा रहा है।