चुनाव से पहले ‘चौपाल पर चर्चा’ से भाजपा ने महिला वोटरों को साधा

By Siddhartha Rai  |  First Published Apr 4, 2019, 2:13 PM IST

भाजपा महिला मोर्चा ने देश के प्रत्येक बूथ पर पांच महिला स्वयंसेवियों की एक समिति है। इसका काम महिला वोटरों से सीधे जुड़ना और यह सुनिश्चित करना है कि वे वोट करने के लिए घरों से निकलें तथा मतदान के दिन भाजपा के पक्ष में वोट करें। 

चुनावों में महिलाओं की अहम भूमिका को देखते हुए भाजपा ने 2019 के महासमर से पहले आधी आबादी तक सीधी पहुंच बनाने का प्रयास किया है। सभी धर्मों, जातियों और समुदायों की महिलाओं को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा महिला मोर्चा ने सीधी पहुंच के लिए व्यापक अभियान चलाया। 

बूथ स्तर का अभियान

भाजपा महिला मोर्चा ने अपनी बूथ स्तर की समितियां बनाईं। देश के प्रत्येक बूथ पर पांच महिला स्वयंसेवियों की एक समिति है। इसका काम जमीनी स्तर पर महिला वोटरों से जुड़ना और यह सुनिश्चित करना है कि वे वोट करने के लिए घरों से निकलें तथा मतदान के दिन भाजपा के पक्ष में वोट करें। भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख विजया रहाटकर ने ‘माय नेशन’ से एक विशेष बातचीत में देश की महिला वोटरों को लेकर भाजपा की इस रणनीति का खुलासा किया। 

रहाटकर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिलों के कल्याण के लिए चलाई गई योजनाओं की लाभकर्ता होने के साथ-साथ वे आम चुनाव में देश का भाग्य तय करने वाला एक बड़ा वर्ग हैं। हमारी समझ है कि इस चुनाव में दो फैक्टर होंगे। एक पीएम मोदी और दूसरा महिला मतदाता।’

पहले से ही मौजूद भाजपा की बूथ कमेटियों के अलावा पांच सदस्यों वाली महिला समिति का विचार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का था और उन्हीं की रणनीति के तहत इसे अमल में लाया गया। 

विजय संकल्प सम्मेलन-चौपाल पे चर्चा

रहाटकर ने कहा, ‘इन चुनाव में हमने उज्जवला जैसी महिलाओं को सीधे प्रभावित करने वाली कल्याणकारी योजनाओं की लाभार्थियों की बैठकों का आयोजन किया। इस तरह का आयोजन सभी लोकसभा क्षेत्रों में किया जा रहा है।’ महिला मोर्चा हर लोकसभा सीट को बारीक नजरिये से देख रहा है। रहाटकर ने ‘माय नेशन’ से कहा, ‘हमने हर लोकसभा सीट पर दो तरह के सम्मेलन आयोजित किए हैं। पहला क्षेत्रवार ‘विजय संकल्प सम्मेलन’। इसमें हर लोकसभा सीट पर सरकारी योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं की बड़ी सभा आयोजित की गई। वहीं हमने जमीनी स्तर पर पहुंचते हुए चौपाल पे चर्चा आयोजित की। यह 20-25 महिलाओं का छोटा सा जमावड़ा है।’

कार्यकर्ताओं में जोश भरना

रहाटकर ने बताया, इस सारी कवायद का मकसद जमीनी स्तर की कार्यकर्ताओं में जोश भरना भी है। ‘क्षेत्रवार सम्मेलनों का प्रबंधन जिला स्तर के नेताओं और महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने किया। संगठन मे सबसे निचले पायदान पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को यह आभास कराया गया कि वह पार्टी से किस तरह जुड़े हुए हैं। चौपाल और पंचायत स्तर के सम्मेलन सबसे ज्यादा प्रभाव रखने वाले स्वयंसेवकों को उत्साहित करने के लिए था।’ 

इस कवायद से पार्टी की महिला इकाई ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के बीच संपर्क साधा। इन सम्मेलनों से कार्यकर्ताओं और वोटरों का सीधे संपर्क हो सका है। 

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