संसद में 'फेक न्यूज', मानसून सत्र में दो बार कांग्रेस ने किए गलत दावे

By Team MynationFirst Published Aug 2, 2018, 7:57 PM IST
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राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की, जिसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। पहले राहुल गांधी भी लोकसभा में राफेल डील पर गलत दावा कर चुके हैं 

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस संसद की बहस को व्हाट्सएप ग्रुप पर होने वाली 'गपशप' की तरह लेती नजर आ रही है। संसद के मानसून सत्र में उसके वरिष्ठ नेताओं ने दो  बार गलत तथ्यों के आधार पर देश को गुमराह करने का प्रयास किया। क्या देश चुपचाप बैठकर संसद का इस तरह अनादर होते देखता रहेगा?

बुधवार को कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सदन में एनआरसी के मुद्दे पर अपनी बात रखते समय राजीव गांधी के बाद के प्रधानमंत्रियों को 'कायर' कहा था। उनके इस वाक्य को सदन की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। हालांकि, बृहस्पतिवार को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया कि भाजपा अध्यक्ष ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की। उनके भाषण से किसी भी बात को सदन की कार्यवाही से हटाने की आवश्यकता नहीं है। 

राहुल ने की थी शुरुआत
 
संसद में 'झूठे दावे' करने की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद की थी। उन्होंने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का हवाला देकर आरोप लगाया था कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में राफेल डील का सच छिपाया। राहुल के मुताबिक, निर्मला ने पीएम के दबाव में ही दोनों देशों के बीच हुए 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे में गोपनीयता समझौते के चलते कमर्शियल ब्यौरे जारी न करने की बात कही। 

राहुल के मुताबिक, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने खुद उन्हें बताया था कि दोनों देशों के बीच कोई गोपनीयता करार नहीं है, जो सरकार को इस सौदे का ब्यौरा जारी करने से रोकता हो। 
 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का यह दावा कुछ ही समय बाद रक्षा मंत्री ने ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने सदन में 2008 में दोनों देशों के बीच हुआ वह समझौता दिखाया जिस पर तत्कालीन यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री एके एंटनी और उनके फ्रांसीसी समकक्ष ने हस्ताक्षर किए थे। राहुल के दावों के कुछ घंटे बाद फ्रांस सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों देश एक गोपनीयता करार से बंदे हुए हैं। इस संबंध में कांग्रेस के अध्यक्ष का दावा सही नहीं है। 

उच्च सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के अमित शाह पर इस तरह के आरोप लगाने से कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं, क्योंकि शाह का सदन में दिया गया पूरा वक्तव्य और भाषण रिकॉर्ड हुआ है। ऐसा कैसे हो सकता है कि आनंद शर्मा ने अमित शाह का भाषण पहले देखा नहीं, क्या उन्होंने तथ्यों की पड़ताल किए बिना ही आरोप लगा दिए। 

यह सब कैसे रुकेगा? 

लोकसभा में भाजपा के चार सांसद कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को नोटिस दे चुके हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर सदन में झूठ बोलने का आरोप लगाया है। लेकिन लगता है कि इस पर विशेषाधिकार समिति के फैसला लेने में लगने वाले समय से पहले कांग्रेस संसद का इस्तेमाल अपने दुष्प्रचार को तेज करने के लिए करना चाहती है। हालांकि, यह उपयुक्त समय है जब संसद में गलत खबरों के आधार पर देश को गुमराह करने वाले सदस्यों के खिलाफ कड़ी और तेज कार्रवाई की जाए।

देखें अजीत दुबे और अंकुर शर्मा की रिपोर्ट

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