मध्य प्रदेश में अजब-गजब कर्जमाफी, जानिये 24 हजार कर्ज में से कितना हुआ माफ

By Team MyNationFirst Published Jan 24, 2019, 10:49 AM IST
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देश का अन्नदाता एक बार फिर ठगा सा महसूस कर रहा है. जिन वादों के साथ मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार सत्ता में आयी, वही अब किसानों से धोखा कर रही है. किसान माफी के नाम पर अब किसान ठगा सा महसूस कर रहा है.

देश का अन्नदाता एक बार फिर ठगा सा महसूस कर रहा है. जिन वादों के साथ मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार सत्ता में आयी, वही अब किसानों से धोखा कर रही है. किसान माफी के नाम पर अब किसान ठगा सा महसूस कर रहा है. राज्य में कई ऐसे उदाहरण आ रहे हैं जहां किसानों का हजारों का बकाया है और सरकार महज कुछ ही रुपये कर्ज माफ कर अपने वादे को पूरा करने का दावा कर रही है. राज्य में खाद संकट के बाद किसान कर्ज माफी अब बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है.

राज्य की कमलनाथ सरकार एक बार फिर विवादों में है. राज्य में सरकार बनते ही सरकार खाद संकट को लेकर विवादों में घिर गयी था और राज्य में खाद संकट को लेकर केन्द्र को जिम्मेदार बता रही थी. लेकिन अब राज्य सरकार किसान माफी को लेकर विवादों में है. राज्य के मालवा जिले में कई ऐसे उदारहण देखने को मिल रहे हैं जहां किसानों का कर्ज हजारों का है लेकिन उसे महज कुछ ही रुपये माफ किया जा रहा है. मालवा में किसान का कर्ज लगभग 24 हजार रुपये था और माफ हुआ मात्र 13 रुपये. जिले के बैजनाथ निपानिया गांव के किसान शिवलाल कटारिया ने बताया कि राज्य की कमलनाथ सरकार ने तो दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की बात कही. किसानों से फार्म भी भराए गए और उन पर 23,815 रुपये का कर्ज था.

उन्हें उम्मीद थी कि राज्य सरकार उनका बैंकों का कर्ज माफ करेगी लेकिन सरकार ने महज 13 रुपये कर्ज माफ किए . उनका कहना है कि ये तो धोखा है. शिवलाल का कहना है कि हम ईमानदार किसान हैं, लगातार चुकाते आए हैं. जबकि कर्मचारी का कहना है कि जिस तारीख से कर्ज माफ हुआ है, उस तारीख को तुम पर कर्ज नहीं था. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार कर्ज के मामले को लेकर जो गड़बड़ियां आ रही हैं उसकी जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. असल में राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करेंगे.

इसके बाद राज्य के सीएम कमलनाथ ने कर्जमाफी की फाइल पर दस्तखत कर दिए थे. राज्य में सरकार के आदेश पर 15 जनवरी से फार्म भरने शुरू हो गए हैं और 22 फरवरी से कर्ज की राशि किसानों के खातों में जाने लगी है. लेकिन हजारों का कर्ज का महज कुछ रुपये मिलने को लेकर किसान नाराज है. अब भाजपा इसे मुद्दा बना रही है. भाजपा का कहना है कि ये किसानों के साथ धोखा है.
 

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