काशी यानी बनारस के बड़ा लालपुर में जीवनदीप पब्लिक स्कूल में भोजपुरी माई का मंदिर स्थापित किया गया है। अब काशी में 108 फीट ऊंची भोजपुरी माई की प्रतिमा स्थापित होनी है। यहां 21-23 जनवरी को प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान इसका भी शिलान्यास हो सकता है।
वाराणसी—भोजपुरी भाषा भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश का पहला ‘भोजपुरी माई’ का मंदिर स्थापित किया गया है। इस मंदिर का उद्घाटन मॉरीशस के हाई कमिश्नर जगदीश्वर गोवर्धन ने किया।
देश-विदेश में करोड़ों लोग जिस भोजपुरी भाषा को अपनी मां के समान दर्जा देते हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा देश के लगभग सभी राज्यों में इस भाषा के बोलने वाले मिल जाएंगे। दुनिया के कई देशों में भी भोजपुरी प्रमुख भाषा है। इन सभी लोगों के गौरव के प्रतीक के रूप में बनारस में भोजपुरी माई की 108 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारी भी चल रही है।
काशी यानी बनारस के बड़ा लालपुर में जीवनदीप पब्लिक स्कूल में भोजपुरी माई का मंदिर स्थापित किया गया है। अब काशी में 108 फीट ऊंची भोजपुरी माई की प्रतिमा स्थापित होनी है। यहां 21-23 जनवरी को प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान इसका भी शिलान्यास हो सकता है।
इस मंदिर की नींव एक साल पहले ही वर्ल्ड भोजपुरी सेंटर और इंडियन डायस्पोरा के बैनर तले वाराणसी में आयोजित विश्व भोजपुरी सम्मेलन में पड़ गई थी। दस फीट ऊंचे मंदिर में चार फीट की भोजपुरी माई की प्रतिमा स्थापित की गई।
मॉरीशस के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश है जहां भोजपुरी माई का मंदिर बना है। उद्धाटन समारोह में मॉरीशस के हाई कमिश्नर ने कहा कि काफी समय पहले देखा सपना अब भोजपुरी भाषियों की देव भूमि वाराणसी में साकार हुआ है।
इस साल का प्रवासी भारतीय सम्मेलन वाराणसी में होने जा रहा है, इस सम्मेलन में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भी शामिल होने के लिए आ रहे हैं। जगन्नाथ का मूल निवास स्थान यूपी के बलिया जिले में है।
जिला प्रशासन उनके गांव की पड़ताल करने में लगा हुआ है। मॉरीशस और फिजी जैसे देशों में भोजपुरी काफी व्यापक स्तर पर बोली जाती है। गन्ने की खेती के लिए कभी पूर्वांचल और बिहार से मजदूर बनकर वहां गए लोगों ने भोजपुरी को और समृद्ध बनाने का काम किया है।
भाषा के आधार पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है। इस भाषा को बोलने वाले मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में रहते हैं। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है।
भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है। ब्रिटिश शासन के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर जिनके वंशज अब जहां उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है।
एक आकड़े के मुताविक दुनिया में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या लगभग 25 करोड़ है। भारत में लगभग 19 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। उत्तर अमेरिकी भोजपुरी संगठन के अनुसार वक्ताओं की संख्या 18 करोड़ से ज्यादा है।