अच्छी खबर: त्योहारों में मिलाटवखोरी के खिलाफ अभियान चलाएगी, 'शुद्ध के लिए युद्ध'

By Team MyNation  |  First Published Oct 20, 2020, 12:13 PM IST

असल में त्योहारी सीजन में खाद्य उत्पादों में लगातार मिलावट हो रही है। राज्य सरकार की कई एजेंसियां होने के बावजूद मिलावट जारी है। लिहाजा राज्य के सीएम अशोक गहलोत इसको लेकर सख्त हैं और उन्होंने हाई लेवल मीटिंग के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि  राज्य में मिलावटखोरी के खिलाफ 26 अक्टूबर से अभियान चलाया जाए।

नई दिल्ली। त्योहारों के मौसम आते ही खाद्य उत्पादों में मिलावट होनी शुरू हो जाती है और अब इसके लिए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अभियान शुरू किया है। राज्य सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू किया है। सरकार का कहना है कि मिलावटखोरों को जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करने दी जाएगी। इसके लिए राज्य  के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की  और निर्देश दिया।

असल में त्योहारी सीजन में खाद्य उत्पादों में लगातार मिलावट हो रही है। राज्य सरकार की कई एजेंसियां होने के बावजूद मिलावट जारी है। लिहाजा राज्य के सीएम अशोक गहलोत इसको लेकर सख्त हैं और उन्होंने हाई लेवल मीटिंग के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि  राज्य में मिलावटखोरी के खिलाफ 26 अक्टूबर से अभियान चलाया जाए। राज्य सरकार ने इस अभियान को  ’शुद्ध के लिए युद्ध’ का नाम दिया है। जो त्योहारी सीजन के दौरान नवंबर माह के अंत तक चलेगा। सीएम गहलोत ने कहा कि कि मिलावटखोरों को खाद्य पदार्थों में मिलावट कर जनता की सेहत से खिलवाड़ नहीं दिया जाएगा और इन लोगों के खिलाफ सरकार विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करेगी। उनका कहना है कि राज्य मिलावटखोरी से मुक्ति की दिशा में एक अलग पहचान बनाएगा।

सीएम गहलोत ने अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि दूध, दूध से बने पदार्थों, मिठाइयों, मसालों, घी-तेल और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान में जनता को भी जोड़ा  जाए और मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। राज्य में ये अभियान 26 अक्टूबर से चलाया जाएगा और ’शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान में लोगों को जोड़कर मिलावटखोरों को जेल भेजा जाएगा। सीएम ने कहा कि दूध, घी, तेल, मिठाइयों, मसालों, सूखे मेवों आदि खाद्य पदार्थों में मिलावट के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और पैकेजिंग पर भी राज्य  सरकार ध्यान देगी। क्योंकि 'मिस-ब्रांडिंग' पर राज्य सरकार अभियान चला रही है और संदिग्ध पदार्थों के सैंपल की गुणवत्ता की प्रयोगशाला में फौरन जांच करवाई जाएगी। 
 

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