यूपी में हलाल प्रोडक्ट हो सकता है बैन, योगी आदित्यनाथ सरकार उठा सकती है सख्त कदम

By Kavish Aziz  |  First Published Nov 18, 2023, 1:59 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार हलाल प्रोडक्ट्स को लेकर कठोर हो गयी है। जो भी कंपनियां हलाल प्रोडक्ट का सर्टिफिकेट देती हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी।  ये मामला मुख्यमंत्री में संज्ञान में एक वायरल वीडियो और लखनऊ में हज़रतगंज थाने में एक शख्स के द्वारा किये गए मुकदमे के बाद आया है। 

लखनऊ।  हलाल सर्टिफिकट जारी करने वाली कम्पनी पर योगी सरकार सख्त एक्शन लेने की तैयारी में है।  खान पान, सौंदर्य संसाधन पर हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली कंपनियों पर प्रतिबन्ध लग सकता है। लखनऊ के हज़रतगंज थाने में एक शख्स द्वारा की गयी एफआईआर के बाद ये मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया। 

ऐसे शुरू हुआ विवाद 

दरअसल हलाल प्रोडक्ट को लेकर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे एक रेलवे अधिकारी और एक पैसेंजर के बीच हलाल खाने को लेकर बहस चल रही है। वीडियो में सावन के  महीने में यात्री प्रोडक्ट स्वीकार कर देता है क्यूंकि पैकेट पर हलाल लिखा था। हालांकि रेलवे कर्मचारी ने कहा- प्रोडक्ट शाकाहारी है। 

हज़रतगंज में हुई एफआईआर 

लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में शैलेन्द्र वर्मा नाम के शख्स ने हलाल सर्टिफिकेशन वाली कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। ये एफआईआर अज्ञात कंपनियों के खिलाफ है, जो  हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचती हैं। एफआईआर जमीयत उलेमा दिल्ली, हलाल इंडिया चेन्नई और हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई पर भी किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मजहब की आड़ में एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो। इन अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 केस दर्ज कराई गई है। 

क्या होता है हलाल सर्टिफिकेशन?
इस्लाम के अनुसार- हलाल सर्टिफिकेशन का मतलब है, प्रोडक्ट में मरे हुए जानवर, पशु अल्कोहल का कोई हिस्सा नहीं है। इस जांच के बाद ही प्रोडक्ट  को हलाल सर्टिफाइड किया जाता है।  आम तौर पर मुस्लिम देशों में हलाल प्रोडक्ट ही इस्तेमाल किये जाते हैं। 

अब एफआईआर और वायरल वीडियो के बाद  मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है। 

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