कमलनाथ के भांजे पर आयकर विभाग ने कसा शिकंजा, जब्त किए 245 करोड़ रुपये के बेनामी शेयर

By Team MyNation  |  First Published Jul 30, 2019, 1:09 PM IST

आज इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आया आया जब आयकल विभाग ने रतुल पुरी के 254 रुपये के शेयरों को जब्त कर लिया। फिलहाल अगस्तावेस्टलैंड घोटाले में उसकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। रतुल पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का भांजा है और जिस कंपनी से अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के लिए रिश्वत दी गयी वह दुबई की कंपनी रतुल पुरी की ही है। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी रतुल पुरी के 254 रुपये बेनामी शेयरों को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है। इस घोटाले के सिलसिले में पुरी को पिछले हफ्ते ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह बॉथरूम जाने की बात कह कर वहां से भाग गया था। इसके बाद उसे कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गयी थी। जिसके कारण ईडी उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। फिलहाल कोर्ट ने पुरी को आजतक के लिए जमानत दी है।

आज इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आया आया जब आयकल विभाग ने रतुल पुरी के 254 रुपये के शेयरों को जब्त कर लिया। फिलहाल अगस्तावेस्टलैंड घोटाले में उसकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। रतुल पुरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का भांजा है और जिस कंपनी से अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के लिए रिश्वत दी गयी वह दुबई की कंपनी रतुल पुरी की ही है।

फिलहाल पिछले हफ्ते ही रतुल पुरी ईडी के अफसरों को झांसा देकर ईडी के दफ्तर से गायब हो गया था और उसके बाद उसने कोर्ट की शरण ली थी और कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत दी थी। हालांकि कोर्ट ने उससे ईडी की पूछताछ में सहयोग करने का आदेश दिया है।

जानकारी के मुताबिक रतुल पुरी को झटका देते हुए आयकर विभाग उसके नाम पर रखे 254 करोड़ रुपये के बेनामी शेयर जब्त किए गए हैं। ये कार्यवाही दिल्ली के आयकर विभाग के बेनामी निषेध इकाई ने की है।

जिसके तहत रतुल पुरी प्रिफेंरेस शेयर्स और इक्विटी शेयर्स को अस्थाई रूप से अटैच कर लिया है। जानकारी में ये भी आया है कि रतुल पुरी ने एचईपीसीएल नामक कंपनी के नाम पर सौर पैनल आयात करने के लिए अधिक चालान बनाए और उसके जरिए 254 करोड़ रुपये कमाए।

गौरतलब है कि दिल्ली की अदालत ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में रतुल पुरी अंतरिम जमानत को सोमवार तक बढ़ा दिया था अदालत ने शनिवार को उन्हें 29 जुलाई तक के लिए अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। 

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