टैक्स विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरु कर दी है। पहले चरण में करीब दस हजार लोगों को नोटिस जारी किया गया है। अगले कुछ हफ्तों में और भी लोगों को नोटिस भेजा जा सकता है।
नोटबंदी के दो साल बाद अब जाकर बेनामी संपत्ति वाले लोगों पर कार्रवाई शुरु हो गई है। जिन लोगों ने अपने खातों में नोटबंदी के समय बेहिसाब पैसे जमा किए थे। उन लोगों की पहचान का काम पूरा हो गया है।
अब रेवेन्यू डिपार्टमेन्ट ने ऐसे लोगों को बेनामी एक्ट के तहत नोटिस भेजना शुरु कर दिया है। यह बेनामी एक्ट काफी कड़ा है और इसके प्रावधानों की वजह से कई लोग जेल की हवा भी खा सकते हैं।
आयकर विभाग को जिन खातों में जमा संपत्ति के बेहिसाब होने करा संदेह था। उन लोगों को नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है।
इसके तहत फिलहाल बड़े ट्रांजेक्शन वाले खाताधारकों को निशाना बनाया गया है। खबर मिल रही है कि ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर ली गई है।
यह लिस्ट तैयार करने के लिए आयकर विभाग डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर रहा है। जिसके तहत फोन रिकॉर्ड, क्रेडिट कार्ड रिकॉर्ड, पैन कार्ड डिटेल, टैक्स फाइलिंग स्ट्रक्चर के साथ साथ फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया से भी डाटा निकाला जा रहा है।
इन सभी डाटा को खंगालने के बाद जिसपर शक होता है। टैक्स अधिकारी उसकी जांच शुरु कर देते हैं। अगर उनकी नजरों में आरोप पुख्ता होता है, तो नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरु कर दी जाती है।
हालांकि आयकर विभाग अभी फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। इसलिए यह बेनामी नोटिस फिलहाल उन्हीं लोगों को भेजे जा रहे हैं, जिन्होंने अपने खातों में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक धन जमा किया था।
कई मामलों में लोगों ने दूसरे लोगों के खातों में धन जमा किया था। ऐसे खातों में कैश डिपॉजिट खाताधारकों की आय से मैच नहीं हो रहा था। ऐसे लोगों पर भी आयकर विभाग की नजर है और नए प्रावधानों के मुताबिक उनको भी नोटिस भेजा जा रहा है।