शहीद पति के सपने को कुछ इस तरह बहादुर पत्नी ने किया पूरा

By Team MyNation  |  First Published Jul 16, 2019, 4:04 PM IST

करीब 5 महीने पहले स्कवाड्रन लीडर समीर अब्रोल की मिराज-2000 क्रैश में मौत हो गई थी। उनकी पत्नी गरिमा अब्रोल अब जल्द वायुसेना में शामिल होंगी। गरिमा पहले तेलंगाना की डिंडिगुल एयरफोर्स एकेडमी का हिस्सा बनेंगी। जिसके बाद साल 2020 में वायुसेना से जुड़ जाएंगी। 

नई दिल्ली. अपने पति का सपना साकार करने के लिए पत्नी ने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की परीक्षा (IAF) पास कर ली है। करीब 5 महीने पहले स्कवाड्रन लीडर समीर अब्रोल की मिराज-2000 क्रैश में मौत हो गई थी। उनकी पत्नी गरिमा अब्रोल अब जल्द वायुसेना में शामिल होंगी। गरिमा पहले तेलंगाना की डिंडिगुल एयरफोर्स एकेडमी का हिस्सा बनेंगी। जिसके बाद साल 2020 में वायुसेना से जुड़ जाएंगी। 

रिटार्यड मार्शल ने लिखा इमोशनल मैसेज

रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने उनकी कामयाबी पर सोमवार को  ट्विटर पर गरिमा और समीर की फोटो शेयर की। जिसमे उन्होंने गरिमा की तारीफ करते हुए लिखा, "सभी महिलाएं बराबर नहीं होती, कुछ जवानों की पत्नियां होती हैं। "

विमान दुर्घटना में हुई थी मौत

1 फरवरी को ट्रेनी लड़ाकू विमान मिराज 2000 क्रैश हो गया था, जिसमें 2 पायलटों शहीद हो गए थे। ये हादसा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)एयरपोर्ट पर हुआ था। इस हादसे में स्क्वाड्रन लीडर समीर अब्रोल और सिद्धार्थ नेगी सवार थे। हादसे के वक्त दोनों में प्लेन से निकल गए थे, लेकिन समीर की मौत मलबे में गिरने से तो वहीं सिद्धार्थ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। 

सोशल मीडिया पर कविता शेयर करके चर्चा में आईं थी
गरिमा अब्रोल ने अपने दिवंगत पति समीर के लिए सोशल मीडिया पर भावुक करने वाली कविता शेयर की थी। गरिमा ने यह कविता इंग्लिश में लिखी थी। जिसमें उन्होंने लिखा था, वे आसमान से जमीन पर गिरे, हड्डियां टूट गईं, एक ब्लैक बॉक्स जरूर मिला, वे सुरक्षित बाहर निकले थे, पर पैराशूट में आग लग गई। इसके साथ परिवार के सपने चूर चूर हो गए, उन्होंने कभी इतनी गहरी सांस नहीं ली, जितनी आखिरी बार ली। 

अब्रोल के भाई ने नौकरशाही पर उठाए थे सवाल

समीर की मौत के बाद उनके भाई सुशांत ने भी फेसबुक पर एक कविता शेयर की थी। जिसमें उन्होंने पायल के काम को जोखिमभरा बताया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, जहां नौकरशाही मौज मस्ती करती है। हम अपने योद्धाओं को लड़ने के लिए पुरानी मशीनें देते हैं, इसके बावजूद भी वे अपना कार्या कौशल और पराक्रम से पूरा करते हैं। 

शहीद होने के बाद पिता ने कही थी ये बात

समीर के पिता ने स्क्वाडन लीडर के एयरफोर्स में जाने के जज्बे को लेकर बताते हुए कहा था-कि समीर को बचपन से फाइटर प्लेन में बहुत रुचि थी। उसने 2004 12वीं क्लास के रिजल्ट आने के पहले ही एनडीए, इंजीनियरिंग और दूसरी सेवाओं के फोर्म भर दिए थे। उसने पहली बार में ही एनडीए का एग्जाम क्लियर कर लिया था। उसका एनडीए का रिजल्ट 12वीं के रिजल्ट के 3 दिन बाद आया था। 
 

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