इस कदम का मकसद छात्रों को किसी अध्याय को फिल्म अथवा लैपटॉप और डिजिटल बोर्ड के माध्यम से अच्छे से समझने में मदद करना है।
शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी एनसीईआरटी ने अपनी किताबों में क्यूआर कोड के इस्तेमाल की प्रक्रिया शुरू की है। इससे छात्रों को किताबों के अध्यायों की अतिरिक्त सामग्री को लैपटॉप या डिजिटल बोर्ड पर पढ़ने में मदद मिलेगी।
क्विक रिस्पांस यानी क्यूआर कोड सफेद बॉक्स में बना एक विशेष प्रकार का काला कोड होता है। इसे स्कैन किया जा सकता है। स्मार्टफोन के कैमरे द्वारा इसमें स्टोर किए गए वेब लिंक या अन्य सूचना को पढ़ा जा सकता है।
एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'ई-सामग्री , नक्शे , पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन , एनीमेशन और वीडियो सहित संबंधित पाठ्य सामग्री के पहचान की प्रक्रिया हम शुरू कर चुके हैं।'
उन्होंने बताया कि कक्षा एक से 12 तक की सभी पाठ्य पुस्तकों की सामग्री को क्यूआर कोड से लिंक किया जाएगा। यह इन किताबों पर छपा होगा। 2019 के शैक्षणिक सत्र से इस कोड को लागू करने की उम्मीद है।