माहवारी पर आधारित भारतीय डाक्यूमेंट्री फिल्म को मिला आस्कर, जानें कौन है फिल्म की निर्देशक

By Team MyNationFirst Published Feb 25, 2019, 11:17 AM IST
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आस्कर 2019 भारतीय फिल्मों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। आस्कर में भारतीय प्रोड्यूसर की फिल्म को बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट कैटिगरी फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया है। इस फिल्म का मुकालबा कई विदेशी फिल्मों के साथ था। लेकिन आखिरकार भारतीय फिल्म ने आस्कर जीतने में बाजी मारी।

आस्कर 2019 भारतीय फिल्मों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। आस्कर में भारतीय प्रोड्यूसर की फिल्म को बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट कैटिगरी फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया है। इस फिल्म का मुकालबा कई विदेशी फिल्मों के साथ था। लेकिन आखिरकार भारतीय फिल्म ने आस्कर जीतने में बाजी मारी।

आस्कर में भारतीय फिल्म प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की फिल्म 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' को बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट कैटिगरी फिल्म के ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया है। इस फिल्म को रयाक्ता जहताबची और मैलिसा बर्टन ने निर्देशित किया है। अवॉर्ड जीतने के बाद गुनीत मोंगा ने अपनी खुशी एक ट्वीट के जरिए की है। अपने संदेश पर मोंगा लिखते हैं कि  'हम जीत गए। असल में ये फिल्म भारतीय पृष्ठभमि पर आधारित फिल्म है जिसमें महिलाओं में होने वाली माहवारी के मुद्दे को उठाया गया है। फिल्म की कहानी हापुड़ में स्थित एक गांव की उन महिलाओं के इर्द गिर्द घूमती है, जिनके पास माहवारी के दिनों में पैड्स उपलब्ध नहीं होते हैं और वह दूसरे उपायों को करती हैं।

जिसके कारण  कई महिलाओं को बीमारियां चपेट में ले लेती हैं जो मौत का कारण भी बनती है।  ईरानी-अमेरिकन फिल्म डायरेक्टर रयाक्ता ने ऑस्कर जीतने पर कहा कि 'उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि पीरियड्स पर बनी फिल्म ने ऑस्कर जीता है।' इस फिल्म की अवधि 26 मिनट की है और इसमें दिखाया गया है कि किस तरह से पैड न होने के कारण लड़कियां स्कूल तक नहीं जा पाती हैं। लिहाजा एक दिन उनके गांव में पैड मशीन लगाई जाती है, जिसके बाद महिलाओं को पैड के बारे में पता चलता है। महिलाएं इसके लिए जागरूकता फैलाने के लिए खुद भी पैड बनाने का भी फैसला करती हैं। वही महिलाओं की इस पहल का रूढ़िवादी लोग आपत्ति उठाते हैं और अड़चनें पैदा करते हैं।

WE WON!!! To every girl on this earth... know that you are a goddess... if heavens are listening... look MA we put on the map ❤️

— Guneet Monga (@guneetm)

लेकिन महिलाएं अपने फैसले से अडिग नहीं होती हैं। उन्हें पैड प्रोजेक्ट के लिए विदेशों से भी सहायता मिलती है। गांव की महिलाएं सैनिटरी पैड को 'FLY' का  नाम देती हैं जिसका मतलब होता है उड़ान। इसे नाम देने के पीछे भी महिलाओं का एक मकसद होता है। क्योंकि लड़कियों की मासिक धर्म से होने वाली परेशानियों से आजादी मिलती है। आस्कर का यह अवॉर्ड कार्यक्रम अमेरिका, कैलिफॉर्निया के डॉल्‍बी थिअटर में आयोजित हुआ था। गौरतलब है कि गुनीत मोंगा 'लंच बॉक्स' और 'मसान' जैसी फिल्मों को कर प्रोड्यूस कर चुकी हैं। ऑस्कर में इस फिल्म का मुकाबल 'ब्लैक शीप', 'एंड गेम', 'लाइफबोट' और 'अ नाइट ऐट दी गार्डन' जैसी फिल्मों से मुकाबला था।

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